11 साल के बाद पी चिदंबरम की गिरफ्तारी एक राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा है- कपिल सिब्बल

नई दिल्ली कांग्रेस पार्टी के पूर्व वित्त मंत्री और कभी देश के सबसे ताकतवर वह गृहमंत्री पी चिदंबरम पर सीबीआई का शिकंजा कसता ही
जा रहा है और चिदंबरम सीबीआई के चक्रव्यूह में हंसते हुए नजर आ रहे हैं बताते चलें कि उन्हें 5 दिनों की रिमांड पर भेजा गया है जिसके दौरान उन्हें कड़ी पूछताछ से दौर से गुजरना होगा जिस कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल उनके बचाव में उतर आए हैं जिस पर कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल का कहना है कि पी चिदंबरम के खिलाफ कोई भी सबूत नहीं है अगर ऐसा होता तो उन्हें पहले ही जेल हो जाती 11 साल बाद पी चिदंबरम को गिरफ्तार करना आखिर राजनीतिक षड्यंत्र जगजाहिर हो रहा है उन्होंने बताया कि पी चिदंबरम के खिलाफ कोई सबूत नहीं है और उन्हें राजनीतिक षड्यंत्र के खिलाफ फसाया गया है जबकि यह मामला 2007 से था तो अब जाकर इस मामले में सीबीआई पूछताछ क्यों करना चाहती है कि चिदंबरम से जो 12 सवाल सीबीआई ने पूछे हैं उनमें से छह सवालों के जवाब सीबीआई को पी चिदंबरम पहले ही दे चुके हैं उस मामले में जितने भी आरोपी हैं वह सब जमानत पर हैं तो सिर्फ पी चिदंबरम को ही रिमांड में लेने की सीबीआई को आखिर क्या जरूरत आन पड़ी अगर सीबीआई के पास पहले से ही ठोस सबूत थे तो 2017 से अब तक पूछताछ क्यों नहीं की गई अचानक एस मामले में पी चिदंबरम को क्यों परेशान किया जा रहा है इसी केस में कि पी चिदंबरम को पहले ही जमानत मिल चुकी है और सीबीआई ने कीर्ति के बेल की चुनौती नहीं दी है तो फिर चिदंबरम की गिरफ्तारी क्यों और कैसे यह सवाल तो बनता ही है उन्होंने कहा कि सीबीआई जानबूझकर किसी षड्यंत्र के तहत चिदंबरम को फसाना चाह रही है इस मामले पर कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी का कहना है कि सीबीआई आखिर इतनी बेचैन क्यों है और क्यों उन्हें अचानक गिरफ्तार किया गया है  सिंघवी ने कहा कि इस मामले में सीबीआई गलत तरीका अपना रही है चिदंबरम उनके मन मुताबिक जवाब नहीं देंगे मेरे दोस्त कपिल सिब्बल ने जो दलीलें दी हैं उसके बाद उन्हें रिमांड पर रखना गलत है बताते चलें कि न्यायमूर्ति आर भानुमति की अध्यक्षता वाली उच्चतम न्यायालय की एक पीठ आज कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की याचिका पर सुनवाई करेगी बताते चलें कि पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम के मामले में इतिहास खुद को दोहरा रहा है और आज जब सुबह सीबीआई की हिरासत में है तो पुरानी बातें उन्हें बार-बार याद आ रही होंगी वह मामला 25 जुलाई  2010 का जब सोहराबुद्दीन शेख नकली मुठभेड़ मामले में गांधीनगर में सीबीआई द्वारा अमित शाह को गिरफ्तार किया गया था तब चिदंबरम मुस्कुरा रहे थे अमित शाह उस समय गुजरात में नरेंद्र मोदी की सरकार में ग्रह मंत्री थे और सीबीआई उन्हें गिरफ्तार करने की तैयारी कर रही थी वह कई दिनों तक सीबीआई से बचते रहे और यही मीडिया तब उनके पीछे पड़ा हुआ था अंत में अमित शाह ने एक नाटकीय घटनाक्रम में मोदी सरकार से इस्तीफा देकर सरेंडर करने का फैसला लिया था