आपका सोया हुआ नसीब जगा देगी चांदी जाने कैसे



वैसे तो सोना चांदी को लोग पहनना गर्व की बात समझते हैं और यह हमारे जीवन में प्रतिदिन प्रयोग में भी आती है लेकिन धार्मिक दृष्टि से भी चांदी को बहुत ही पवित्र और सात्विक धातु के रूप में देखा गया है कहते हैं कि चांदी की उत्पत्ति भगवान शिव के नेत्रों से हुई थी तभी इसे चंद्रमा का कारक माना जाता है चांदी ज्योतिष में चंद्रमा और शुक्र से संबंध रखती है इसलिए या धातु शरीर के जल तत्व तथा कप धातु को भी नियंत्रित करती है जानिए कैसे आपके शरीर पर असर डालती है चांदी तो आज हम आपको बताते हैं कि शुद्ध चांदी के प्रयोग से मन मजबूत होने के साथ-साथ दिमाग भी तेज होता है क्योंकि चांदी चंद्रमा की परिचायक है शुद्ध चांदी का प्रयोग चंद्रमा को बल देता है और चंद्रमा शुभ प्रभाव देना शुरू कर देता है चांदी का प्रयोग करके शुक्र को बलवान किया जा सकता है सही और शुद्धता में चांदी का प्रयोग करके शरीर में जमा विषैला पदार्थ भी बाहर निकाल सकते हैं और यह हमारी त्वचा को सुंदर और चमकदार बना सकती है चांदी के प्रयोग में हमें कौन-कौन सी सावधानियां रखना चाहिए यह समझना हमें बेहद जरूरी है चांदी जितनी है उतनी अच्छी है चांदी के साथ सोना मिश्रित करके केवल विशेषताओं में ही पहन सकते हैं इसके अलावा चांदी के बर्तनों को हमेशा साफ करते रहें तभी उसका प्रयोग करें जिन लोगों को भावनात्मक समस्याएं ज्यादा हैं उन्हें चांदी के प्रयोग में सावधानी रखनी चाहिए और मीन राशि वालों के लिए चांदी हमेशा उत्तम है मेष सिंह और धनु राशि के लिए चांदी बहुत अनुकूल नहीं है बाकी राशियों के लिए चांदी के परिणाम सामान्य ही रहते हैं शुद्ध चांदी का छल्ला कनिष्ठा अंगुली में धारण करना सर्वोत्तम माना जाता है इसमें अशुभ चंद्रमा शुभ प्रभाव देना शुरू कर देता है और मन का संतुलन बहुत अच्छा हो जाता है मन को कंट्रोल करने के लिए चांदी का प्रयोग जरूर करना चाहिए और कुछ ना कुछ बनवाकर अपने हाथों में धारण करना चाहिए