दुद्धी। विजयदशमी के दो दिन पूर्व आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयं सेवकों ने दुद्धी जिला के अंतर्गत तहसील मुख्यालय पर पथ संचलन का कार्य कर राष्ट्रप्रेम की भावना से नगर के लोगों को ओत प्रोत कर दिया।आज रामलीला मैदान दुद्धी पर सर्वप्रथम माँ भारती व संघ संस्थापक डॉ हेडगेवार ,परमपूज्य गुरुजी के चित्र पर दीप प्रज्वलन कर पुष्प अर्पित किया।
तत्पश्चात गुरुध्वज फहराया और प्रार्थना किया ।इसके बाद भारी संख्या में स्वयंसेवको ने सम्पूर्ण नगर में पथ संचलन कर राष्ट्रप्रेम का संदेश दिया। पथ संचलन का नेतृत्व प्रांत कार्यवाह बांकेलाल जी , विभाग प्रचारक अजीत जी ,जिला संघ चालक श्याम जी सिंह गौतम ने किया।
आगे आगे भगवा ध्वज लिए व मोटरसाइकिल बाइक जुलूस के साथ ,दण्ड और गणवेश धारण किये पथ संचलन करते हुए स्वयंसेवको ने नगर के प्रमुख मार्गो से होते हुए पुनः रामलीला मैदान में पहुँचे जहाँ प्रांत कार्यवाह बांकेलाल जी ने स्वयंसेवको को संबोधित करते हुए कहा कि जापान ,इजराइल फ्रांस ,इंग्लेंड, जैसा देश द्वितीय विश्व युद्ध के बाद मजबूती व तेजी से आत्मनिर्भर और विकसित हुआ परंतु हमारा देश 'राष्ट्र मन से बड़ा स्वयं का मन 'मानने के कारण जापान जैसा नागरिक नही दे सका। हमें मिलकर अपने राष्ट्र का उत्थान हेतू अपने कर्तव्यों का पालन करना होगा।इसके लिए अपने मन के अंदर जो महिषासुर और रावण रूपी राक्षस बैठा है उसका अंत कर सबरी जैसे पिछड़े दलितों का उत्थान करना होगा इसके बिना राष्ट्र निर्माण की परिकल्पना अधूरी है ।कहा कि छुआछूत ऊंच-नीच भेद भाव मिटाए बिना अखंड भारत का सपना अधूरा होगा । स्वयंसेवक संघ राष्ट्र निर्माण एवं चरित्र निर्माण का कार्य करती है गणवेश धारण करने मात्र से हम अखंड भारत का सपना साकार नहीं कर सकते स्वयंसेवको को चाहे वह डॉक्टर ,इंजीनियर या अन्य किसी पद पर बैठा हो उसे अपनी जिम्मेदारी का निष्ठा पूर्वक निर्वहन करना होगा तभी भारत के विश्व गुरु का सपना साकार हो सकेगा।इस दौरान नगर संघचालक डॉ राजकिशोर , आनंद जी ,रविंन्द्र जायसवाल , जिला प्रचारक ओमप्रकाश ,नगर प्रचारक योगेश जी , नगर कार्यवाह अरुणोदय जौहरी , अमरनाथ जायसवाल, डॉ विनय , अरविंद , राजन चौधरी , मनोज मिश्रा , दिलीप पांडेय , सूरेन्द्र अग्रहरी , रमेश कुमार ,नंदलाल अग्रहरी , मनोज सिंह के साथ काफी संख्या में स्वयं सेवक मौजूद रहें।वहीं सुरक्षा की दृष्टि से प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार सिंह मय फोर्स मौजूद रहें।
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