कांग्रेस को तलाक देकर भाजपा के साथ आए मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी



पंकज पाराशर छतरपुर*
भोपाल l झाबुआ उपचुनाव से ठीक पहले भाजपा ने बड़ा दांव चला है l विधानसभा में मतविभाजन के दौरान कांग्रेस के पक्ष में वोटिंग के बाद सुर्ख़ियों में आये मैहर सीट से बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने मीडिया के सामने आकर एलान किया है कि वे बीजेपी के साथ थे और बीजेपी के साथ ही रहेंगे| बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह, पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मंगलवार को नारायण त्रिपाठी के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की और स्पष्ट किया कि विधायक त्रिपाठी भाजपा में ही हैं कांग्रेस में नहीं गए हैं l वहीं इस दौरान नारायण त्रिपाठी ने कहा कभी भी हम भाजपा की सरकार बना सकते हैं l इस बीच मंत्री जयवर्धन सिंह ने दावा किया कि विधायक त्रिपाठी कांग्रेस के साथ हैं, उनसे बात हो चुकी है l
*क्षेत्र के विकास के लिए थे संपर्क में, कांग्रेस को कोसा*
मीडिया के सामने विधायक नारायण त्रिपाठी ने कांग्रेस को लेकर भी बड़ा बयान दिया l उन्होंने कांग्रेस को कोसते हुए कहा सरकार दिशाहीन है, कांग्रेस में कोई लीडर नहीं है, कोई नेतृत्व नहीं है l वहीं कांग्रेस से नजदीकी पर उन्होंने कहा जब धारा 370 हटी तो मेने खुलकर मोदी सरकार का समर्थन किया l बल्लभ भवन में भी मैने बोला था कभी भी हम सरकार बना सकते हैं l मैं भाजपा से अलग नहीं हुआ था l उस समय में यह नहीं जान पाया की भाजपा विधायक इस वोटिंग में शामिल नहीं हुए, हम यह समझ नहीं पाए और अपने क्षेत्र के काम के लिए मैं सरकार से संपर्क में था, लेकिन मैं कांग्रेस में नहीं गया| वहीं पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा जिन लोगों ने संख्या बढ़ाकर बताई थी अब वो वापस अपने आंकड़े पर आ जाएँ| जिन लोगों ने 114 की संख्या बढ़ाकर 116 और 121 को बढ़ाकर 123 बताई थी वो अब इसमें सुधार कर लें| बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कांग्रेस ने मैहर के विधायक नारायण त्रिपाठी जी को  कई प्रकार के प्रलोभन देकर अपनी ओर मिलाने की कोशिश की, परंतु नारायण त्रिपाठी जी ने सारे प्रलोभनों को ठोकर मारते हुए पूरी निष्ठा के साथ भाजपा के साथ हैं l बता दें कि पिछले दिनों विधानसभा में दंड विधि संशोधन विधेयक पर मत विभाजन के दौरान बीजेपी  के दो विधायकों ने कमलनाथ सरकार के पक्ष में वोटिंग कर सबको चौका दिया था l इनमें एक नारायण त्रिपाठी मैहर से और दूसरे शरद कोल शहडोल के ब्योहारी से विधायक थे| मत विभाजन के दौरान पार्टी लाइन से हटकर त्रिपाठी ने कांग्रेस का साथ दिया था, इसके बाद डिनर भी हुआ, और ऐसा माना जा रहा था कि वे लगभग कांग्रेस में जा चुके हैं l वहीं कांग्रेस ने भी यह दावा किया l लेकिन आखिरकार भाजपा ने अपने विधायक को वापस अपने खेमे में लाने में सफलता हासिल की| हालांकि विधानसभा में हुए घटनाक्रम के बाद से ही भाजपा डैमेज कण्ट्रोल में जुटी हुई थी, यही वजह थी दोनों विधायकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई थी, और पार्टी द्वारा यह कहा गया था कि दोनों विधायक भाजपा में है| अब जब झाबुआ में उपचुनाव है, और संख्याबल को लेकर यह चुनाव बेहद अहम् माना जा रहा है| इससे ठीक पहले भाजपा ने नारायण त्रिपाठी को मीडिया के सामने लाकर बड़ा दांव चला है|