समाज में बढ़ती हिंसा और अपराध है बेहद चिंता का विषय -के सी शर्मा





(के सी शर्मा)
आज समय की जरूरत है की मनुष्य को हत्या और हिंसा जैसे पापों से बचना चाहिए और हिंदू ,मुसलमान, सिख, ईसाई सबको सत्य,अहिंसा,दया, क्षमा, नशा मुक्त,शाकाहारी बनकर समाज को नई दिशा प्रदान करनी चाहिए। कबीर दास जी की एक पंक्ति है "ज्यों तिल माही तेल है, ज्यों चकमक में आग ,तेरे साईं तुझ में जाग  सके तो जाग" को उदित करते हुए  परमात्मा बाहर नहीं मिलेगा और ना ही किताबों को पढ़ने से मिलेगा।
 किताबों में प्रभु मिलने का केवल प्रमाण है कि पहले के संत-महात्माओं जैसे रैदास' मीरा' सहजोबाई, तुलसीदास आदि को प्रभु इसी शरीर में मिले।
 धार्मिक ग्रंथों में महापुरुषों की खोज करने की बात बताई गई है।
 खोजी होने पर जब वह मिल जाएंगे तो आपके अंदर  प्रभु से मिलने की जिज्ञासा जगाकर रास्ता बता देंगे।
 अपनी दया कृपा के द्वारा आपको परमात्मा से मिला देंगे।

 हर व्यक्ति को सोचना  चाहिए कि मृत्यु के बाद हमारे परिवार वाले, मित्र और हम कहां जाएंगे। हम दुनिया के जीव मौत को भूलकर जड़ माया के पीछे भाग रहे हैं। धन दौलत को पाने के लिए तमाम प्रकार के छोटे बुरे सभी तरह के अधर्म कर्म करते हैं।
 इन कर्मों के आधार पर जीव को नर्को में सजा भोगनी पड़ेगी।

आज बढ़ रही हिंसा व अपराध चिंता का विषय है।
बुराइयां केवल भौतिक उन्नति करने से रुकने वाली नहीं है इसका मूल कारण लोगों का खराब खान -पान,रहन -सहन और भोगबादी स्वभाव का होना तथ प्रदूषित बाताबरण में रहना है।
इसलिए आश्यकता है कि समाज व लोगो मे जागरूकता पैदा कर  शाकाहार, सदाचार, अपनाने और नशीली चीजों के सेवन की बुरी लत से बचाने की कोशिश समाज के हर जागरूक व्यक्ति को करनी चाहिए।
 मानव की सबसे बड़ी पूंजी चरित्र है इसके बिना मानव का कोई अस्तित्व नहीं है।

आज आवश्यकता कि लोग गृहस्थ आश्रम में रहते हुए मेहनत, ईमानदारी से अपना काम करें।
क्यो कि खुदा प्रभु सब एक हैं इससे परिवार और समाज की व्यवस्थाएं ठीक रहेगी और आत्म कल्याण होगा।