सिंगरौली में नौनिहालों का भविष्य खतरे में है -के सी शर्मा



के सी शर्मा /सोनभद्र सिंगरौली के इन नौनिहालों को देखिए, हम आपसे ज़्यादा संजीदा और आने वाले समय के लिए चिंतित हैं, यह कथन सुप्रीम कोर्ट का आन रिकार्ड अधिवक्ता एवं प्रख्यात समाज सेवी व पर्यावरणविद अश्वनी कुमार दूबे ने ब्यक्त की है। उन्होंने कहा कि सिंगरौली और सोनभद्र के हर व्यक्ति के पानी का श्रोत एशिया का सबसे बड़ा जलाशय रिहंद सागर ही है।जिस पर 20 लाख से अधिक की आबादी निर्भर करती है।आज प्रदूषण बोर्ड की आयी रिपोर्ट के अनुसार जिस पानी में पहले से ही ज़हर हो उसमें और ज़हर डालने वाले के ऊपर पीने के पानी को ज़हरीला बनाने के लिए एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।

ज्ञात हो कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की प्राथमिक रिपोर्ट के अनुसार 35 लाख मैट्रिक टन से ज़्यादा ज़हरीली राख,टॉक्सिक, ज़हरीले केमिकल्स,फ़्लाई ऐश रिहंद में गया है। लेकिन सच कुछ और हैं।इस राख वन्धे को 5 टाइम राइज किया गया है, जिससे एक करोड़ टन से अधिक राख रिहन्द जलाशय में बहाया गया हैं ,यह एक गम्भीर अपराध के दायरे में आने वाला मामला है।इस लिए इस मामले में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को एनटीपीसी के प्रबन्धन के ऊपर प्राथमिकी दर्ज करानी चाहिए।
जानकारों का कहना है इसे एनटीपीसी विंध्याचल के ई डी के इशारे पर जानबूझकर डाला गया।वजह एडवोकेट अश्वनी दूबे के केस के बाद एनटीपीसी के  पास ऐश के डिस्पोज़ल के लिए कहीं जगह नहीं बची थी और उनके केस में दिए गए निर्णय के आधार पर राख को एनसीएल की ख़ाली पड़ी माइंस में ओबी के साथ डालने की प्रक्रिया शुरू करनी थी, जो ये नहीं करना चाहते।

इस सम्बंध में एडवोकेट अश्वनी दूबे  ने बताया है कि मुझे नहीं पता की आप लोग इस विषय पर कैसी राय रखते हैं, मुझसे असहमत हो सकते हैं, पर आज के कुछ वर्षों के बाद जब इसका प्रभाव आपके और आपके परिवार के शरीर पर पड़ना शुरू होगा तो कैसी स्थिति होगी।जिसका कल्पना  कर जानकार सिहर उठते हैं आनेवाले दिनों मे यहा भयावह  स्थिति का सामना करना पड़ेगा।

 श्री दूबे ने अपने अपील में कहा है कि  सिंगरौली वासी आप सबको आगें आना होगा, अपने अधिकारों के लिए राजनैतिक, व्यापारिक सोच से आगे, आने वाली नस्लों को बचाने के लिए।

-एनटीपीसी विंध्याचल के ई डी के ऊपर आपराधिक मुक़दमा दर्ज करवाना आपका कर्तव्य है, अधिकार भी, आज आपने छोड़ा तो कल शक्तिनगर, सासन ( रिलायंस) हिण्डाल्को, फिर जेपी सबके कमोबेश यही हाल होंगे।
जब तक एनटीपीसी विंध्याचल के ई डी को जानबूझकर रिहंद में लाखों मैट्रिक टन ज़हरीले केमिकल, ज़हरीले टॉक्सिक, फ़्लाईऐश, राख, औद्योगिक कचरे को ऐशडाइक ख़ाली करने के इरादे से आपके पीने के पानी में डालने की सज़ा नहीं मिले, शांत मत बैठिए।

अपने जिले के कलेक्टर, एसपी, प्रदेश के डीजीपी व मुख्य सचिव को शिकायत भेजिए व एफआईआर लिखवाइए ईडी के ख़िलाफ़।यह आपके जीवन का सवाल है।

उन्होंने कहा है कि सिंगरौली- सोनभद्र के लोग की आने वाली पीढ़ियाँ सिर्फ़ और सिर्फ़ बीमार होंगी, इस ज़हरीले पानी को पीकर, उन्हें बचाइए और घरों से निकलिए, तथा सिंगरौली को बचाईये।

सिंगरौली की स्थिति बेहद वीभत्स होती जा रही है।
ज़्यादा दूर की नहीं हैं, ग्रासिम इंडस्ट्री, रेनुकुट के प्रदूषण से प्रभावितों की  जाके देख सकते हैं।
सिंगरौली में आज  जोरदार।प्रदर्शन कर  एनटीपीसी के ई डी की गिरफ्तारी की मांग की है।

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