पॉलिथीन रूपी राक्षस का हो रहा है अंत झोला तैयार





के सी शर्मा का फेसबुक लेख
वर्षों से अवहेलना झेल रहा,  दबी कुचली जिंदगी जी रहा "झोला"  आज बहुत खुश है।झोला आखिर खुश क्यों ना हो, अलमारियों के एक कोने में पुराने कपड़ो और सामानों के बीच या नीचे दबे हुए,  दम घुटते हुए माहौल से आज आजादी जो मिल गई।जिस पॉलीथिन बैग ने उसके सारे अधिकार,  उसका सम्मान छीन लिया था,  अब ये सब उसे मिल जाएगा।
जिस शान से वो हमारे दादा और पिता के साथ साइकिल के हैंडल पर शान से लटकता हुआ राशन का सामान, सब्जी, आदि  बाजार से घर तक लाता था, परिवार के छोटे बच्चों के लिए फल मिठाई समेटे जब घर पहुचता तो बच्चों से झोले को जो प्यार मिलता था आज फिर से वही शान वही प्यार फिर से उसे हासिल होने वाला है।जिस पॉलीथिन बैग रूपी राक्षस ने उसके सारे अधिकार छीने थे, पर्यावरण को नुकसान पहुँचाया और ना जाने कितने पशुओं की हत्या का कारण बना, उसका अंत होने वाला है।

 यह असत्य पर सत्य की जीत है। वक्त बुरा भी हो तब भी संयम रखना चाहिये अच्छे दिन फिर लौटकर आते है।

आज झोला हम सबके बीच अपना बुरा समय बिताकर एक नए जीवन की शुरुआत करने वाला है।
नए जीवन की बधाई एवँ शुभकामनाये*।
"झोला"         
तुम जियो हजारों  साल।