असली गिद्ध विलुप्त हो गए लेकिन अब इंसानी गिद्धों से रहिये सावधान - के सी शर्मा



(के सी शर्मा)

पैगंबर ए इस्लाम पर अपमानजनक टिप्पणी करके सुर्खियो मे आने वाले कमलेश तिवारी की लखनऊ मे दिनदहाड़े हत्या कर दीगई।पुलिस हत्यारोपियो को पकड़ने में सफल हो चुकी है।मृतक कमलेश के नौकर का कहना है,कि दो युवक बाइक पर आए जिसमें एक ने भगवा कपड़े पहने हुए थे,उन्होंने पहले साथ बैठकर चाय पी, मिठाई खाई और फिर कमलेश की हत्या कर दी।हत्यारो को पकड़वाने में मिठाई के डिब्बे और सी सी टीवी फुटेज ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।पुलिस के हाथ हत्यारो के गिरेबान तक पहुच गए हैं।

लेकिन कमलेश की हत्या को एक बहुत बड़ा वर्ग सांप्रदायिक रंग देने में लगा हुआ है।
वहीं एक वर्ग ऐसा भी है,जो इस हत्या पर 'खुश' हो रहा है।
इंसान की मौत पर खुश होना वैसे तो गिद्धों का काम है क्योंकि गिद्ध मृत प्राणियों का मांस खाता है।चूंकि बीते कुछ वर्षों में गिद्ध अचानक से विलुप्त हो गए इसलिए अब गिद्धों का काम 'इंसान' करता है।
यह 'गिद्ध' कभी इनकी की मौत पर जश्न मनाता है तो कभी उनके के हत्यारे के लिए जुलूस निकालता है।
ऐसा नही है कि 'गिद्धो' पर किसी एक संप्रदाय विशेष का ही अधिकार है बल्कि हर संप्रदाय में गिद्धों की तादाद मौजूद है कहीं कम कहीं ज्यादा मगर है जरूर।

कमलेश की मौत पर खुश होने वाले कुतर्क देते हुए कह देंगे कि वह गुस्ताख ए रसूल था,इसलिए उसकी मौत पर खुश हो रहे हैं।लेकिन खुश होकर क्या पैगंबर ए इस्लाम की शिक्षा का पालन किया जा रहा है?
 नहीं बिल्कुल नहीं?
 पैंगबर ए इस्लाम की शिक्षा इसके बिल्कुल विपरीत हैं।

अब आप खुद तय कर लीजिए कि आपको क्या करना है?पैगंबर ए इस्लाम के बताए मार्ग पर चलना है या फिर उस मार्ग पर चलना है जिस पर चलने के लिए पैंगबर ए इस्लाम ने साफ मना किया है?
 तय आपको करना है।