आज का हिंदू पंचांग पंडित विष्णु जोशी के साथ







🙏 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ पं. विष्णु जोशी 🙏7905156547
⛅ *दिनांक 09 अक्टूबर 2019*
⛅ *दिन - बुधवार*
⛅ *विक्रम संवत - 2076 (गुजरात. 2075)*
⛅ *शक संवत -1941*
⛅ *अयन - दक्षिणायन*
⛅ *ऋतु - शरद*
⛅ *मास - अश्विन*
⛅ *पक्ष - शुक्ल*
⛅ *तिथि - एकादशी शाम 05:19 तक तत्पश्चात द्वादशी*
⛅ *नक्षत्र - धनिष्ठा रात्रि 11:13 तक तत्पश्चात शतभिषा*
⛅ *योग - शूल 10 अक्टूबर रात्रि 01:43 तक तत्पश्चात गण्ड*
⛅ *राहुकाल - दोपहर 12:14 से दोपहर 01:41 तक*
⛅ *सूर्योदय - 06:33*
⛅ *सूर्यास्त - 18:18*
⛅ *दिशाशूल - उत्तर दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण - पापांकुशा एकादशी*
💥 *विशेष - हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है lराम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।*
💥 *आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l*
💥 *एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।*
💥 *एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।*
💥 *जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।*
               *~ हिन्दू पंचांग ~*

🌷 *पापांकुशा एकादशी* 🌷
➡ *08 अक्टूबर 2019 मंगलवार को दोपहर 02:51 से 09 अक्टूबर 2019 बुधवार को शाम 05:19 तक एकादशी है ।*
💥 *विशेष ~ 09 अक्टूबर 2019 बुधवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें ।*
🙏🏻 *पापांकुशा एकादशी  उपवास करने से कभी यम-यातना नहीं प्राप्त होती | यह पापों को हरनेवाला, स्वर्ग, मोक्ष, आरोग्य, सुंदर स्त्री, धन एवं मित्र देनेवाला व्रत है | इसका उपवास और रात्रि में जागरण माता, पिता व स्त्री के पक्ष की द
पापांकुशा एकादशी*

➡ *08 अक्टूबर 2019 मंगलवार को दोपहर 02:51 से 09 अक्टूबर 2019 बुधवार को शाम 05:19 तक एकादशी है ।*
💥 *विशेष ~ 09 अक्टूबर 2019 बुधवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें ।*

🙏🏻 *युधिष्ठिर ने पूछा : हे मधुसूदन ! अब आप कृपा करके यह बताइये कि आश्विन के शुक्लपक्ष में किस नाम की एकादशी होती है और उसका माहात्म्य क्या है ?*

🙏🏻 *भगवान श्रीकृष्ण बोले : राजन् ! आश्विन के शुक्लपक्ष में जो एकादशी होती है, वह ‘पापांकुशा’ के नाम से विख्यात है । वह सब पापों को हरनेवाली, स्वर्ग और मोक्ष प्रदान करनेवाली, शरीर को निरोग बनानेवाली तथा सुन्दर स्त्री, धन तथा मित्र देनेवाली है । यदि अन्य कार्य के प्रसंग से भी मनुष्य इस एकमात्र एकादशी को उपास कर ले तो उसे कभी यम यातना नहीं प्राप्त होती ।*

🙏🏻 *राजन् ! एकादशी के दिन उपवास और रात्रि में जागरण करनेवाले मनुष्य अनायास ही दिव्यरुपधारी, चतुर्भुज, गरुड़ की ध्वजा से युक्त, हार से सुशोभित और पीताम्बरधारी होकर भगवान विष्णु के धाम को जाते हैं । राजेन्द्र ! ऐसे पुरुष मातृपक्ष की दस, पितृपक्ष की दस तथा पत्नी के पक्ष की भी दस पीढ़ियों का उद्धार कर देते हैं । उस दिन सम्पूर्ण मनोरथ की प्राप्ति के लिए मुझ वासुदेव का पूजन करना चाहिए । जितेन्द्रिय मुनि चिरकाल तक कठोर तपस्या करके जिस फल को प्राप्त करता है, वह फल उस दिन भगवान गरुड़ध्वज को प्रणाम करने से ही मिल जाता है ।*

🙏🏻 *जो पुरुष सुवर्ण, तिल, भूमि, गौ, अन्न, जल, जूते और छाते का दान करता है, वह कभी यमराज को नहीं देखता । नृपश्रेष्ठ ! दरिद्र पुरुष को भी चाहिए कि वह स्नान, जप ध्यान आदि करने के बाद यथाशक्ति होम, यज्ञ तथा दान वगैरह करके अपने प्रत्येक दिन को सफल बनाये ।*

🙏🏻 *जो होम, स्नान, जप, ध्यान और यज्ञ आदि पुण्यकर्म करनेवाले हैं, उन्हें भयंकर यम यातना नहीं देखनी पड़ती । लोक में जो मानव दीर्घायु, धनाढय, कुलीन और निरोग देखे जाते हैं, वे पहले के पुण्यात्मा हैं । पुण्यकर्त्ता पुरुष ऐसे ही देखे जाते हैं । इस विषय में अधिक कहने से क्या लाभ, मनुष्य पाप से दुर्गति में पड़ते हैं और धर्म से स्वर्ग में जाते हैं ।*

🙏🏻 *राजन् ! तुमने मुझसे जो कुछ पूछा था, उसके अनुसार ‘पापांकुशा एकादशी’ का माहात्म्य मैंने वर्णन किया । अब और क्या सुनना चाहते हो?*
               *~ हिन्दू पंचांग ~*