Tap news india-बापू के जीवन से सीखे नेतृत्व के गुण


Tap news india-बापू के जीवन से सीखे नेतृत्व के गुण 
हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन से हम बेहतरीन लीडरशिप के गुणों को सीख सकते हैं भारत में उन्हें महात्मा और बापू 2 नामों से पुकारा जाता रहा है बापू ने इन दोनों ही किरदारों को बखूबी निभाया भी है वे एक महान आत्मा तो थे ही जिसके कारण उन्हें महात्मा कहा गया है साथ ही वह एक पिता की तरह सबकी फिक्र भी करते थे इसलिए उनको राष्ट्रपिता भी कहा गया है बापू का जीवन एक पल सफलता की मिसाल है और अगले ही पल हार में संघर्ष करने और वापस लौटने की सीख देता है वह हमें सिखाता है हमे  संघर्ष करने से कभी भी घबराना नहीं चाहिए जब आप अन्याय के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे तो जीत आपकी होगी ही होगी बापू के दिखाए सत्याग्रह स्वराज अहिंसा आत्म नियंत्रण व्रत एवं ब्रह्मचर्य के रास्ते को अपना कर कोई भी एक कुशल लीडर बन सकता है।
सत्याग्रह
सत्याग्रह के जरिए  जरिए बापू हमें सिखाते हैं कि हम बिना डरे सच के रास्ते को अपनाएं फिर उसका कैसा भी खामियाजा भुगतना पड़े क्योंकि एक कुशल नेतृत्व को सत्य की कसौटी पर ही रखा जाता है
अहिंसा
गांधी जी ने अहिंसा के व्रत को अपनाने से हम किसी को दुख देने से बचते हैं बापू हिंसा के इस हद तक खिलाफ दे कि वे मांसाहार को भी गलत मानते थे एक अच्छे मुखिया को हिंसा से दूर रहना चाहिए
आत्म नियंत्रण
आत्म नियंत्रण पर बापू का सिर्फ उपदेश देना ही ठीक नहीं है बल्कि उसे खुद पर लागू करके बेहतर उदाहरण कायम करने होंगे।
बापू के व्रत की प्रगति
बापू के व्रत की पृवत्ति हमें सिखाती है कि बड़े से बड़े लक्ष्य हासिल करने और विरोधियों को शांत करने इसके अलावा अलग मत वालों को एक साथ लाने अपनी गलतियां सुधारने और जीवन में ऊंचाइयां छूने के लिए व्रत बेहद जरूरी है जन हित कारी मानसिकता का संकल्प लेने और उसे एक  व्रत की तरह पालन करने से हमारे अंदर एक कुशल लीडरशिप का जन्म होता है।