टूटते रिश्तो से बिखरते हुए परिवार


 हम प्रगति तो कर रहे हैं ,मगर प्रगति के चलते हमारी  व्यस्ता के कारण  हम अपने परिवार को समय नहीं दे  पा रहे हैं ,  प्रगति हमारे रिश्तो में दरार पैदा कर रही है ।  जब परिवार का मुखिया अपने परिवार को समय नहीं दे पाता तो परिवार जन फेसबुक एवं टिक टॉक का सहारा लेने लगते हैं ,अक्सर इससे परिवार वालों के बीच में दूरियां बढ़ने लगती है । फेसबुक की जिंदगी एक काल्पनिक एवं झूठी ज़िंदगी है ,और इसमें जितने भी आपके दोस्त या फ्रेंड्स बनते हैं यह सब नाम के दोस्त होते हैं । जिन्होंने कभी आपको देखा नहीं कभी आप से मिले नहीं, वह आपके काल्पनिक दोस्त बन जाते हैं । बस इनका इतना काम होता है ,सुबह उठते गुड मॉर्निंग और रात को सोने से पहले गुड नाइट इतना रिश्ता होता है, इन काल्पनिक दोस्तों से ।
मैं आपको एक सच्ची घटना बताता हूं ,फेसबुक ने कैसे एक बसा बसाये परिवार को तोड़ दिया , एक सभ्य परिवार की महिला ,की दोस्ती फेसबुक पर किसी नौजवान पुरुष से हो गई  ,जब उस महिला ने अपने पुरुष मित्र की डीपी देखी, डीपी देख कर इतनी प्रभावित  हुई की दोस्ती कब प्यार में बदल गई उस महिला को भी नहीं पता चला। डीपी में जो चित्र लगा था , वह बहुत सुंदर नौजवान , जो एक महंगी इंपोर्टेड गाड़ी के बाहर खड़ा हुआ था , उसका चित्र एवं महंगी गाड़ी को देखकर उसको लगा ,कहां मेरी शादी हो गई , मेरे पति के पास एक खटारा सा स्कूटर और एक छोटा सा व्यापार उस महिला ने धीरे धीरे अपने पति से मुंह मोड़ना शुरू कर दिया रात रात भर अपने नए पुरुष मित्र के साथ फेसबुक पर चैटिंग करने लगी ,एक समय यह आया पति  एवं बच्चों से दूरियां बढ़ती गई बेचारा पति रात को घर आकर अपने लिए एवं अपने बच्चों के लिए भोजन बनाता ,और पत्नी कमरे में बंद होकर फेसबुक पर चैटिंग करती रहती । एक समय यह आया उस महिला ने अपने पति एवं अपने बच्चों को छोड़कर अपने नए पुरुष मित्र के पास जाने का फैसला कर लिया ,उस महिला के पास जितना पैसा उसके पति का था एवं जितने गहने उसके पति ने बनवाए थे इन सब को लेकर अचानक घर से गायब हो गई ।
उस महिला एवं पुरुष ने मुंबई की एक होटल में मिलने का प्रोग्राम बनाया ,जब महिला मुंबई के होटल पहुंची तो वह अपने फेसबुक मित्रों को ढूंढती रही पर उसका वह मित्र जिसका फोटो फेसबुक की डीपी में लगा था वह मित्र कहीं नहीं दिखा ,उसके जगह एक अधेड़ उम्र का आदमी जिसके सर पर बाल नहीं थे और  उसका बहुत बड़ा पेट ,उस महिला को देखकर मुस्कुराता हुआ उसके पास आया ,अधेड़ उम्र के आदमी ने महिला को पहचान लिया था, क्योंकि उस महिला ने उस फेसबुक फ्रेंड को अपने बहुत सारे चित्र भेजे थे ,पहले तो महिला उस अधेड़ उम्र के आदमी को देखकर डरी बाद में उस महिला को पता चला यह वही फ्रेंड है ,जो फेसबुक पर उसके साथ दिन रात चैटिंग कर रहा था ,उसने अपने चित्र के जगह किसी और का चित्र लगाया हुआ था ,और महंगी इंपोर्टेड  गाड़ी उसकी नहीं थी ,वह तो सड़क किनारे खड़ी हुई थी ,उसके पास खड़े होकर उसने फोटो खिंचवा वाया था ,और वह अधेड़ आदमी उसी शहर में रहता है ,जहां यह महिला रहती थी , और वह उसी शहर में सफाई कर्मी है।
  महिला की गलती के कारण बसा बसाया परिवार टूट गया ।
हम लोगों के हजारों में मित्र फेसबुक पर होते हैं ,अगर ऊपर वाला ना करें अगर किसी पर मुसीबत आ जाए तो इन हजारों मित्रों में से एक भी आपके साथ खड़ा नहीं होगा । एक सज्जन को हार्ट अटैक आया, उनके फेसबुक फ्रेंड 8000 थे ,आईसीयू के बाहर केवल 5 लोग खड़े थे ,जिसमें उनके पिता माता बहन भाई एवं एक बचपन का दोस्त था
  यह है आपके सच्चे दोस्त जो बुरे समय में आपके साथ खड़े हुए थे ,मैं उन सज्जन से पूछना चाहता हूं कहां गए आपके 8000 मित्र जो फेसबुक पर आपके साथ जुड़े हुए थे ।
 रियल लाइफ एवं रील लाइफ (फिल्म एवं टीवी के नाटको  वाली जिंदगी ) में बहुत अंतर होता है, जो कुछ हम फिल्मों में टीवी के नाटकों में देखते हैं, वह सब असल जिंदगी से बहुत दूर होता है ।
 इसलिए मैं लोगों से कहता हूं जागो भाइयों ,बहनों जागो असली जिंदगी में जियो ,काल्पनिक जिंदगी से दूर हटो ।
 अपने परिवार को बचाओ कहीं आपका परिवार इन काल्पनिक दोस्तों  के कारण बर्बाद ना हो जाए ।
 आओ चलो रिश्तों की शान बन जाएँ ।
 एक दूजे के लबों की मुस्कान बन जाएँ ।
 हम तुम निभाए अपनी यारी इस तरह ।
 दुनिया में हम दोस्ती की पहचान बन जाएँ ।