दो दिवसीय ग्राम स्वराज सम्मेलन हुआ संपन्न

*दो दिवसीय ग्राम स्वराज सम्मलेन हुआ संपन्न*

*गोविंन्दपुर/से बाबू लाल शर्मा की रिपोर्ट
म्योरपुर ब्लॉक क्षेत्र में स्थित सामाजिक संस्था बनवासी सेवा अश्रम में चल रहे ग्राम स्वराज्य  सम्मेलन के दूसरे व अंतिम दिन  गोवा से आये मुख्य अतिथि  कलानंद मणि ने कहा कि गांधी 6 महीने और जिंदा रहते तो  आज का जो संविधान है वह नही होता। गांधी ने  18 जनवरी 1948 को साफ कह दिया था कि संविधान में  गाँव की आजादी नही  दिया गया तो मैं उसका विरोध करूंगा। उन्होंने कहा था कि  हर नागरिक को जिमेदार होना होगा।सुझाव दिया कि सांसद, विधायक का चुनाव प्रधानो और जिला पंचायत सदस्यों द्वारा होना चाहिए।  और चुनाव में  धन बल   के प्रयोग को 6 साल तक पूर्ण बहिष्कार के जरिये रोका जा सकता है।तीसरी सरकार के संयोजक चंद्रशेखर प्राण ने कहा कि 1946 में गांधी के सहयोगी  श्रीमन नारायण अग्रवाल ने  ग्राम पंचायत सरकार का ड्राफ् तैयार किया था।इस तरह ब्लॉक जिला,राज्य केंद्रीय पंचायती सरकार की कल्पना की थी।डी पीआरओ  आर के भारती ने  कहा कि वर्तमान में जिले की पंचायतें  गांधी के ग्राम स्वराज्य की ओर बढ़ रही है।सम्मेलन के अध्यक्षता करते हुए प्रसिद्ध साहित्यकार अजय शेखरजी ने कहा कि गांधी विचारों से ही सारी समस्या का हल है।आज हम परावलम्बी होते जा रहे है। जीवन  शैली बदल रहे है।
आश्रम की मंत्री शुभा प्रेम ने वर्ष भर में आश्रम द्वारा ग्राम स्वराज्य और पंचायत  को सशक्त करने के लिए उठाए गए कदम  की जानकारी दी  और बताया कि इस दिशा में  आगे बढ़ रहे है। झारो  हाई स्कूल की प्रधानाचार्या प्रतिभा ने कहा कि गांव को सशक्त जैविक खेती,  बागवानी,पशु पालन ,जल संरक्षण की बात कही। प्रदेश ग्राम प्रधान संघ के अध्यक्ष गोपी नाथ गिरि ने कहा कि गांव खुशहाल नही होगा तो देश में अमन चैन नही होगा।