संत कबीर नगर में एक गरीब का बरसात में गिरा घर लेखपाल ने लिया फोटो और भरी जेब फिर भी गरीब के सिर पर खुला आसमान



सन्त कबीर नगर { खलीलाबाद } वैसे तो गरीबी मिटाने की एवं उन्हे हर सम्भव मदद करने की मंशा हर सरकार की देखी जाती है उसके लिए जहां तमाम योजनाये चलायी जाती है वही बरसात से गिरे मकान को आपदा राहत कोष से आर्थिक लाभ दिया जाता है । सरकारो की उक्त मंशा भले ही गरीबो के हित मे हो पर उस मंशा को साकार रुप देने वाला तबका न मंशा को साकार करना चाहता है और न ही ऐसे आर्थिक व्यवस्था का लाभ जरूरतमंदो तक पहुंचाना चाहता है जो असल मे उसके हकदार है ।
बताते चले कि तहसील खलीलाबाद के ग्राम पैकवलिया मे बरसात के मौसम मे कतवारी देवी पत्नि संजय , रीता पत्नि राजू , दिलीप पुत्र साधू शरण , उषा पत्नि सोनू , झिनकी पत्नि ढिगूर , जियनी पत्नि राम लगन , झिनकू पुत्र स्वर्गीय लालमन का मकान बरसात मे गिर गया । जिसकी सूचना हल्का लेखपाल को दिया गया , लेखपाल द्वारा बताया गया कि आप लोग दस - दस हजार रुपये की व्यवस्था कराइये हम आप लोगो को आपदा राहत कोष से मकान बनवाने का लाभ दिलवा देगे , उसके बाद नाम लिखा और फोटो खींचा । बेघर परिवारो ने बताया कि लेखपाल हम लोगो को ठगने का काम किया है दस - दस हजार रुपया भी ले लिया और कोई लाभ भी नही दिया । गर्मी का मौसम तो किसी तरह से काट लिया गया लेकिन कड़ाके की सर्दी वाला ये जाड़े का मौसम कैसे काटा जायेगा । इस सम्बन्ध मे जब ग्राम प्रधान से पूछा गया तो उन्होने बताया कि बरसात मे जब इन लोगो का मकान गिर गया था तब हमसे जितना हो सका था हमने मदद किया था , इस सम्बन्ध मे हमने भी लेखपाल से कहा था कि इन गरीब बेघर परिवारो को जितना जल्दी हो सके उतना जल्दी इन लोगो को सरकारी सहायता पहुंचाई जाय । बेघर रीता ने बताया कि साहब किसी तरह से कर्जा कुआम काढ़ के लेखपाल साहब को दस हजार रुपया दी लेकिन कुछ पता नही चला । पति फालिज का शिकार है परिवार बेघर है दो छोटे - छोटे बच्चे है यह पहाड़ भरी जिन्दगी कैसे बीतेगी मेरे बच्चो के भविष्य का क्या होगा भगवान जाने ।
 रिपोर्टर-हरीश सिंह