मध्य प्रदेश में भाजपा संगठन चुनावी संग्राम कल होगा नए जिला अध्यक्षों के नामों का ऐलान


*पंकज पाराशर छतरपुर*
मध्य प्रदेश में भाजपा के जिलाध्यक्षों की चुनाव प्रक्रिया के बाद जिलाध्यक्षों के नामों को लेकर रायशुमारी कर ली गई है। जिला निर्वाचन अधिकारियों ने मंडल अध्यक्षों, विधायकों, सांसदों, पूर्व विधायकों, पूर्व सांसदों, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य व प्रदेश पदाधिकारियो से प्रोफार्मा में जिलाध्यक्ष के लिए तीन-तीन नामों का पैनल मांगा। 46 जिलों में अध्यक्ष का चुनाव लगभग कर लिया गया है। उनके नाम लिफाफे बंद हो गए हैं। इस बीच प्रदेश के पांच जिलों में जिलाध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया रोक दी गई है। भोपाल में जिला निर्वाचन अधिकारी राजेंद्र शुक्ला ने पार्टी नेताओं से जिलाध्यक्ष के लिए रायशुमारी की और तीन-तीन नामों का पैनल मांगा। इस दौरान जिलाध्यक्ष के लिए सुनील पांडे, विकास बिरानी और रवींद्र यति के नाम प्रमुखता सामने आए हैं। इसके अलावा कुछ नेताओं ने भगवानदास सबनानी और लिली अग्रवाल का नाम भी जिलाध्यक्ष के लिए आगे बढ़ाया है। भोपाल जिलाध्यक्ष की घोषणा में समय लग सकता है।
 *यहां गुटबाजी के कारण अटके चुनाव*
बताते हैँ कि भाजपा ने पांच जिलों में जिलाध्यक्ष पद की चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। ग्वालियर शहर, होशंगाबाद एवं सिवनी में भाजपा संगठन के भीतर गुटबाजी चरम पर है। यहां गुटबाजी इतनी अधिक बढ़ गई है कि मंडल अध्यक्षों के चुनाव भी पूरे नहीं हो पाए हैं। शहडोल में नगरीय निकाय उपचुनाव के कारण जिला अध्यक्ष पद की चुनाव प्रक्रिया रोक दी गई है। झाबुआ में भी गुटबाजी के चलते जिलाध्यक्ष का चुनाव नहीं कराए जा सके।
बारह जिलों के लिफाफे पहुंचे
सूत्रों के अनुसार बारह जिलों के लिफाफे बीती देर रात प्रदेश कार्यालय पहुंच गए। ग्वालियर-चंबल के जिलों के पैनलों के लिफाफे रविवार दोपहर तक भोपाल पहुंच जाएंगे। सभी लिफाफे भोपाल पहुंचने पर प्रदेश संगठन नामों पर विचार करेगा। शनिवार को कुछ लोगों ने प्रदेश पदाधिकारियों को फोन पर जिलाध्यक्ष के लिए अपनी पसंद बताई, तो उन्हें साफ कह दिया गया कि वे जिला निर्वाचन अधिकारियों को प्रोफार्मा में भरकर नामों का पैनल सौंपे।