राजस्थान के किशनगढ़ में शिक्षक संघ शेखावत का प्रांतीय शिक्षक अधिवेशन संपन्न


किशनगढ़।(रिपोर्ट चंद्रशेखर शर्मा ) " शिक्षक समाज को गढ़ने का कार्य करते हैं" क्योंकि शिक्षक उस दीपक के समान होता है, जो स्वयं जलकर दूसरों को प्रकाश देता है। यह उद्गार राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर शर्मा ने व्यक्त किए। शर्मा शनिवार को राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) के दो दिवसीय प्रदेश स्तरीय शैक्षिक सम्मेलन के समापन अवसर पर बोल रहे थे। के.डी. जैन पब्लिक स्कूल मदनगंज स्थित मुनि पुंगव श्री सुधा सागर सभागार में आयोजित समापन समारोह में संभागीयों के बीच अपने उद्बोधन में उन्होंने यह भी कहा कि, शैक्षिक सम्मेलन के आयोजन का मुख्य उद्देश्य शिक्षक हितों के साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ावा दिया जाना है। क्योंकि शिक्षक सम्मेलन परस्पर संवाद के जरिए एकमत बनाने के साथ ही शैक्षिक विकास के लिए चिंतन एवं मनन के अवसर प्रदान करते हैं। कार्यक्रम को प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रामस्वरूप चतुर्वेदी ने भी संबोधित किया और कहा की शिक्षक संघ की भूमिका भी इस मायने में बहुत महत्वपूर्ण है, कि शैक्षिक संगठनों के अंतर्गत उनके जरिए शिक्षक की दशा और दिशा पर चिंतन किया जाता है। उन्होंने शिक्षक समाज का आवाहन करते हुए कहा कि शिक्षकों को अपनी सारी आर्थिक और प्रशासनिक मांगों को छोड़कर 1 सूत्री मांग को राजनैतिक अधिकार दिए जाने की मांग की जानी चाहिए।  के. डी.जैन पब्लिक स्कूल के ऑडिटोरियम में चल रहे प्रदेश स्तरीय शैक्षिक सम्मेलन के दूसरे दिन प्रस्ताव सभा का शुभारंभ राजस्थान राज्य संयुक्त कर्मचारी महासंघ के प्रदेश उपाध्यक्ष त्रिलोक कीलका के मुख्य  आतिथ्य एवं संगठन के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष रामस्वरूप चतुर्वेदी की अध्यक्षता में प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर शर्मा तथा प्रदेश, जिलों एवं उपशाखा कार्यकारिणी के वरिष्ठ पदाधिकारियों एवं सेंकडो सदस्यों की उपस्थिति में खुला मंच कार्यक्रम से हुआ ।  इस सत्र में संभागी शिक्षकों से प्राप्त सुझाव के आधार पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के संकल्प सहित शिक्षक समस्याओं एवं शिक्षक हितों से जुड़े कई आर्थिक एवं प्रशासनिक प्रस्ताव सदन द्वारा पारित किए गए , जिनमें मुख्य रूप से  एनपीएस को तत्काल समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना बहाल करना, राज्य सरकार द्वारा जुलाई 2019 से केंद्र के समान बड़े हुए 5% D.A. की तत्काल घोषणा करना ,बीएलओ सहित समस्त गैर शैक्षणिक कार्यों से शिक्षकों को न्यायालय के आदेश की पालना करते हुए पूर्णतया मुक्त रखा जाना, पातेय वेतन शिक्षकों  को  नियुक्ति तिथि से समस्त परिलाभ दिया जाना, शारीरिक शिक्षक/ पुस्तकालयअध्यक्ष/प्रयोगशाला सहायक की नियमित पदोन्नति किया जाना , प्रधानाचार्य पद पर वर्तमान में व्याख्याताओं एवं प्रधानाध्यापकों की डीपीसी 67:33 के बजाय उनके वर्तमान संख्यात्मक अनुपात में पदोन्नति की जायज मांग मनवाना, सीसीई एवं एसआईक्यूई की जगह पुरानी शिक्षण व्यवस्था पुनः लागू करवाना, एकीकरण के नाम पर बंद किए गए समस्त विद्यालयों को नामांकरण की उपलब्धता के आधार पर पुन खुलवाना, स्थानांतरण में डिजायर व्यवस्था बंद कर स्थाई स्थानांतरण एवं पदस्थापन नीति लागू करना , प्रबोधक को अध्यापक पदनाम दिया जाकर अध्यापकों के समान समस्त परिलाभ देना , न्यून बोर्ड परीक्षा परिणाम के आधार पर शिक्षकों पर विभागीय अनुशासनात्मक कार्यवाही विभिन्न विषयों के काठिन्य स्तर के मापदंड की समीक्षा कर कठिन विषयों के शिक्षकों के साथ न्याय किया जाना, पी ई ई ओ बने प्रधानाचार्य के लिए कंप्यूटर एक्सपर्ट की नियुक्ति किया जाना,  सहित जहां तक संभव हो शिक्षक प्रशिक्षण मध्यावधि/शीतकालीन/  ग्रीष्मावकाश में आयोजित नहीं किये जाए, आदि मांग व मुद्दे मुख्य है।
मुख्य अतिथि कीलका ने अपने उदघाटन उदबोधन में कहा कि सरकार विभाग के शिविरा पंचाग की खुली अवहेलना कर रही है। शिक्षकों के शैक्षिक अधिवेशन के लिए निश्चित की गई तिथियों में निष्ठा के प्रशिक्षिण तय करने व B. L. O के कार्य लगा कर शिक्षकों को शैक्षिक अधिवेशन में  भागीदारी करने से वंचित करने का साहस कर सरकारआखिर क्या संकेत देना चाहती है ?
प्रस्ताव सत्र में अपना राजनैतिक प्रस्ताव रखते हुए प्रदेशाध्यक्ष राम स्वरूप चतुर्वेदी ने कहा कि सरकार प्रदेश के शिक्षकों के स्थानांतरण व पदस्थापन के साथ-साथ सभी कार्य विधायकों की डिजायर के आधार पर कर शिक्षकों को राजनीति से जोड़ने का काम कर रही है , तो फिर सरकार विश्वविद्यालयों के शिक्षकों की भांति चुनाव लड़ने एवं सक्रिय राजनीति में भागीदारी करने की छूट दे देनी चाहिए।
दूसरा प्रस्ताव रखते हुए चतुर्वेदी ने कहा कि बेरोजगार व्याख्याता पद पर चाहने वाले अभ्यर्थियों के पांच सूत्रीय मांगों पर आन्दोलन का नेतृत्व करने वाले पदाधिकारियों के साथ द्विपक्षीय संवाद स्थापित कर शीघ्र समाधान करना चाहिए।
पीडी मद वेतन बिल बनाने से लेकर भुगतान करने का अधिकार पी, ई, ई, ओ  को देने,  कांउसिल में सभी रिक्त पदों को दर्शाने के साथ साथ सूचना एक सप्ताह पूर्व देने व काउंसलिंग ग्रीष्मावकाश, मध्यावधि अवकाश को छोड़कर कार्य दिवसों में करानी चाहिए, विभाग में रिक्त सभी संवर्ग शिक्षकों व अन्य कार्मिकों के पदों को शीघ्रता भरा जाना चाहिए सहित अनेक प्रस्तावों को सदन ने ध्वनि मत से पारित किया।
प्रदेशाध्यक्ष चन्द्र शेखर शर्मा ने संभागी शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार शिक्षकों की मांगों को गम्भीरता से विचार नहीं कर रही है। कार्मिक विभाग के आदेशों के पश्चात भी विभागाध्यक्ष व शिक्षा सचिव संगठन के मांग पत्र पर द्विपक्षीय वार्ता नहीं कर रहे हैं।
सरकार पर संगठनों के साथ पूर्व में समझोते से मुकरने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार 5 प्रतिशत मंहगाई भत्ते के आदेश जारी नहीं कर राज्य कर्मचारियों में आक्रोश पैदा कर वर्ष 2000 जैसे हालात पैदा कर रही है। प्रदेशाध्यक्ष शर्मा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से 5 प्रतिशत मंहगाई भत्ता राज्य कर्मचारियों को दिए जाने के आदेश शीघ्र जारी करने की मांग की।
प्रस्ताव सत्र को संगठन के प्रान्तीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष दामोदर प्रसाद शर्मा, कोषाध्यक्ष नरेंद्र कुमार शर्मा, उपाध्यक्ष कल्याण सिंह भाटी, संगठन मंत्री मांगी लाल बुडिया, प्रधानाचार्य त्रिलोक चंद यादव व दिनेश चंद्र पारीक , मुरारी लाल गौड़, विजय सिंह गौड़, घनश्याम सिंह शक्तावत आदि ने संबोधित किया।
शैक्षिक अधिवेशन की बेहतरीन व्यवस्थाओं को अंजाम देने  पर अधिवेशन संयोजक एवं अजमेर जिलाध्यक्ष  गणेश जांगिड को प्रदेश कार्यकारिणी की ओर से  माल्यार्पण कर एवं साफा पहनाकर, सम्मानित किया गया।
प्रदेशाध्यक्ष चन्द्र शेखर शर्मा संगठन के ध्वजावतरण के 58 वें शैक्षिक अधिवेशन का समापन करते हुए आगामी शैक्षिक अधिवेशन बांसवाड़ा जिले में त्रिपुरा सुंदरी में आयोजित किये जाने की घोषणा की।  उपशाखा अध्यक्ष रविंद्र दोसाया ने सभी का आभार जताया । योगेश शर्मा ,दीपचंद, मोहम्मद आरिफ, गीता जड़िया ,शंकर प्रजापत एवं किशनगढ़ के सभी पदाधिकारियों ने व्यवस्थाओं में महत्ति सहयोग दिया।