आदर्श कार्य संस्कृति के लिए कर्मियों का आध्यात्मिक विकास जरूरी’ : श्री गौर गोपाल दास*

 ‘संतुलित एवं सुखद जीवन के लिए गतिशील और सामंजस्यपूर्ण कार्य संस्कृति का होना जरूरी हैl कर्मचारियों के भौतिक विकास के साथ साथ आध्यात्मिक विकास द्वारा ही आदर्श कार्य संस्कृति, हासिल की जा सकती है l’

ये उद्गार है, अंतराष्ट्रीय स्तर के विख्यात जीवन मार्गदर्शक और मोटिवेशनल स्पीकर श्री गौर गोपाल दास की, जिन्होंने रविवार को एनसीएल की निगाही परियोजना स्थित अधिकारी क्लब में अपने व्याख्यान में ये बातें कहीं l
इस अवसर पर नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक (सीएमडी) श्री प्रभात  कुमार सिन्हा, बतौर मुख्य अतिथि और  निदेशक (तकनीकी/संचालन) श्री गुणाधर पाण्डेय,  निदेशक (वित्त) श्री एन॰ एन॰ ठाकुर, कृति महिला मंडल, एनसीएल की अध्यक्षा श्रीमती संगीता सिन्हा एवं उपाध्यक्षा श्रीमती प्रतिमा पाण्डेय व श्रीमती नीलू ठाकुर बतौर विशिष्ट अतिथि  उपस्थित थे। साथ ही अलग-अलग  परियोजनाओं/इकाइयों  के महाप्रबन्धक और मुख्यालय के विभागाध्यक्ष भी मौजूद थे l

अपने व्याख्यान  के दौरान  श्री गौर गोपाल दास ने दूसरों से तुलना करने से बचते हुए आत्म-निरीक्षण और स्व-विवेचना पर बल दिया l उन्होने खुशहाल जीवन जीने के गुण को विस्तार से समझाते हुए , तनाव और तनाव के प्रभाव पर प्रकाश डाला व इसके दुष्परिणामों को रेखांकित करते हुए इससे बचने के उपाय बताए l 

गौरतलब है कि श्री गौर गोपाल दास ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, पुणे से पूरी करने के कुछ ही समय बाद अपना जीवन एक प्रेरक वक्ता के रूप में समर्पित कर दिया l  वर्तमान में  एक अंतर्राष्ट्रीय  जीवन मार्गदर्शक और प्रेरक गुरू के रूप में श्री दास , भारत सहित  दुनिया भर के प्रतिष्ठित कंपनियों ,कॉलेजों और संस्थानों में आदर्श जीवन  के गुण सीखा रहे हैं l