जानिए, भारतीय संस्कृति कितनी महान है-के सी शर्मा*



*जानिए, भारतीय संस्कृति कितनी महान है-के सी शर्मा*


भारतीय संस्कृति में :-
 शाकाहार ही अपनाया गया है।
मृत व्यक्ति को जला दिया जाता है।
 इसका कुछ लोग मजाक भी उड़ाने लग गए थे। लेकिन अब कोरोना वाइरस के डर ने दोनों बातों की मानने पर मजबूर कर दिया।
 मांसाहार केवल एक रोग ही नहीं बल्कि बर्ड फ्लू, स्वाइन फ्लू, निपाह, कोरोना वायरस लाते हैं, जिसकी कीमत सभी को भुगतनी पड़ती है। यही कारण है कि भारतीय संस्कृति मांसाहार नहीं शाकाहार पर ही आधारित रहा है।
 जहां एक ओर फार्मा कंपनियों द्वारा वायरस का एक प्रोपेगेंडा फैलाया जाता है ताकि वो हजारों करोड़ों कमा लें, वहीं इसकी शुरुआत मांसाहार अर्थात जीवों में वायरस छोड़े जाते हैं, वैक्सीनेशन के द्वारा और फिर उस मांस का भक्षण जब लोग करते हैं तो वायरस तीव्र गति में फैलते हैं।
 वायरस से बचने के लिए चीन की सरकार ने मांसाहार पर रोक लगाया है और सब्जियां मंगवाई हैं। इस घटना से आपको यह समझने के लिये काफी है कि शाकाहार अपनाएंगे, भारतीय गौमाता के गोबर आधारित खेती से उत्पन्न अनाज खाएंगे तो कभी कोई वायरस आंख नहीं उठा सकेगा। गाय माता के गौझरण, गोबर, दूध आदि का उपयोग करेंगे तो वायरस आप पर हावी नहीं हो सकता।
ना डरें नए कोरोना वायरस से क्योंकि हमारी भारतीय नस्ल की कामधेनु गौमैया हमारे साथ है!
जी हां कोरोना वायरस जो कि चाइना और अन्य कुछ देशों में जल्दी से फैल रहा है, WHO के अनुसार इस नए घातक वायरस की कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है, कुछ लोगों की मृत्यु भी हुई तो इसका डर लगभग सभी देशों में बढ़ रहा है।
 ये कोरोना वायरस हवा से रोगी के संसर्ग व स्पर्श से फैलने वाला वायरस है, ग्रसित व्यक्ति के संसर्ग से अथवा ग्रसित पशु के संसर्ग से फैलता है।
 अब ये वायरस दुनिया में चर्चा का विषय बन गया है और भय का वातावरण बना रहा है।
तो ना डरें ये कोरोना वायरस से क्योंकि भारतीय वंश की देशी गौमैया के पास सब रोगों से लड़ने की क्षमता भरी पड़ी है।
देशी गाय के पंचगव्य से ये वायरस आपसे मीलों दूर रहेगा।

 *तो जानें आपको क्या करना है...*

शुद्ध भारतीय वंश की देसी गाय के पांचों गव्यों से सिद्ध पंचगव्य घृत को रोज रात्रि में सोते समय एवम सुबह उठकर कुनकुना करके 2-2 बून्द नाक में डालकर 15-20 मिनिट बिना तकिया सिर ऊंचा रखकर नाक में धीरे धीरे अंदर उतरने दो।
गिलोय, तुलसी, अड़ूसा, अदरक, जैसी औषधियों से निर्मित, गौमूत्र अर्क प्रातः खाली पेट 30 से 50 मिली सेवन करें।
 बस इतने सामान्य प्रयोग से आपसे कोरोना ही नहीं हवा से फैलने वाले सब वायरस से रक्षण मिलेगा वो भी गारंटी है भारतीय नस्ल की गौमैया की।
पंचगव्य घृत से हवा से फैलने वाले कोई भी वायरस आपके शरीर मे प्रवेश नहीं कर सकता और औषधि युक्त गौमूत्र अर्क आपकी रोग प्रतिकारक क्षमता बनाये रखेगा।
 गिलोय के 6-7 इंच लंबे तने को चबाते हुए रस निगल लें। तुलसी की पत्तियों को पीसकर शुद्ध शहद मिलाकर चाट लें। एक दो काली मिर्च मिला लें। इतने से ही इम्यून सिस्टम बे‍हतर होने लगेगा।
 यदि किसी को गिलोय को चबाना-चूसना/तुलसी की पत्तियों को पीसना सिरदर्दी का काम लगता है तो बाजार से नामी गिरामी फार्मेसी की तुलसी घनवटी और गिलोय सत्व ले आये। दो गोली तुलसी घनवटी की चबाकर ऊपर से एक ग्राम गिलोय सत्व मिला हुआ शहद चाट लें। बस हो गया काम। कोरोना ही नहीं किसी भी प्रकार के वायरस के प्रति अभेद्द्य सुरक्षा कवच इन दोनों के सेवन से मिल जाता है।
 आयुष मंत्रालय ने ट्वीट करके बताया कि कोरोना वायरस से बचने हेतु तुलसी, काली मिर्च, सोंठ और पिप्पली के मिश्रण का उपयोग करें।

 दूसरा कि कोरोना वायरस वाले मृतव्यक्ति को जलाया जाता है।

 भारतीय संस्कृति इतनी महान है कि उसमें शाकाहार पहले से ही अपनाया जाता है और मृत व्यक्ति को जलाया जाता है। अगर आप तुलसी आदि का उपयोग करते हैं तो अति उत्तम है!! अगर हम पहले से ही भारतीय संस्कृति अपनाएं तो बीमार ही नही होंगे।
 प्रकृति को बचाना है, स्वयं को बचाना है तो भारतीय संस्कृति के अनुसार शाकाहारी जीवन अपनायें। गौ-गीता और गंगा आदि का महत्व समझकर उसका जीवन में उपयोग करें तो जीवन धन्य-धन्य हो जाएगा।