रिलायंस के कोल माइंस में हुआ बड़ा हादशा




  DINESH PANDEY (journalist)
     
सिंगरौली:-- रिलायंस के सासन पॉवर लिमिटेड कोल ब्लॉक अमलोरी एण्ड मुहेर के सीएचपी कन्वेयर बेल्ट में फंसने से काम के दौरान मजदूर ऑपरेटर की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।घटना सोमवार की सुबह लगभग 5:बजे की है।बताते है कि सीएचपी TH-2 के  कन्वेयर बेल्ट रोलर में फसने से  मजदूर की मौत हो गई,रोलर में फसे हुये शव को काफी मशक्कत से निकाला गया। घटना के बाद पावर प्लांट में काम करने वाले सैकड़ों मजदूर व परिजन मुआवजा की मांग को ले कर अड़े रहे स्थानीय प्रसाशन के समझाईस व कड़ी मशक्कत के बाद स्थिति नियंत्रण में आई।

*इस तरह घटी घटना*

-बताया जाता है कि रिलायंस कोल ब्लॉक अमलोरी के सीएचपी में वार्षिक रख रखाव का काम करने वाली कंपनी स्टार वेंडम में कोतवाली क्षेत्र के कचनी गाँव निवासी मुकेश कुशवाहा पिता सीताराम कुशवाहा सीएचपी TH02 नंबर बंकर के कोयला के कन्वेयर बेल्ट में ऑपरेटर का काम कर रहा था। काम के दौरान सोमवार सुबह लगभग 5:बजे बेल्ट में फंसे किसी धातु को निकाल रहा था। इसी दरम्यान कन्वेयर बेल्ट चालू हो गया जिसमें कार्य में लगा आपरेटर मुकेश बेल्ट के साथ घिसटता हुआ बेल्ट के नीचे जाकर रोलर में फंस गया,जिसकी कार्यस्थल पर ही दर्दनाक मौत हो गई।

वार्ता के बाद उठाया मृतक का गया शव

मृतक मजबूर के आश्रित को मुआवजा तथा आश्रित के  नियोजन को लेकर कोल माइंस में काफी देर तक पुलिस प्रशासन, कंपनी व परिजनों के बीच सकारात्मक वार्ता चली वार्ता होने के बाद सीएचपी से शव को उठाया गया।वार्ता के दौरान अपर पुलिस अधीक्षक प्रदीप सेंडे, कोतवाली टीआई अरुण पाण्डेय, विध्यनगर टीआई राघनेन्द्र दुवेदी,बरगवां टीआई मनीष त्रिपाठी, लंघाडोल थाना के टीआई यू.पी.सिंह आरआई आशीष तिवारी व कंपनी प्रबंधन  मौजूद रहे इस बीच तय हुआ कि मृतक के आश्रित को उसके योग्यतानुसार संविदा कंपनी में रोजगार दिलाया जायेगा तथा उन्होंने यह स्पष्ट किया कि उसके रोजगार की निरंतरता लगातार बनी रहेगी।कंपनी की ओर से आश्रित को 50 हजार रुपए नगद व दो 2 लाख 75 हजार,1लाख 75 हजार का दो चेक प्रदान किया गया।यानी कंपनी के तरफ से टोटल पांच लाख रुपये परिजनों को बतौर मुआवजा दिया गया।

कोल ब्लॉक में सेफ्टी के नियमों का नही होता अनुपालन

रिलायंस के सासन पॉवर लिमिटेड कोल ब्लॉक अमलोरी के खदान में कार्य कर रही संविदा कंपनियों में सेफ्टी नियमों का अनुपालन नही होता है।माइंस का सेफ्टी बिभाग मूकदर्शक बना हुआ है।रिलायंस कोल माइंस में सीएचपी के वार्षिक रखरखाव साफसफाई का काम करने वाली कंपनी स्टार वेंडम सहित अन्य कंपनियों के कामों में प्रावधान के तहत एक इंजीनियर का कार्यस्थल पर होना जरूरी होता है और उसी के सुपरविजन में कंपनियों को काम करना होता है परंतु यहाँ ऐसा नही होता, अगर उक्त संविदा कंपनी के साइट पर कोई इंजीनियर मौजूद होकर अपने सुपरविजन में काम करवाता तो शायद मजदूर मुकेश कुशवाहा की मौत नही होती।