चीन को पहली चोट हुंडई और पोस्को के प्लांट्स भारत में होंगे शिफ्ट, सरकार से बातचीत शुरू-के सी शर्मा



 दुनिया भर में अपने वायरस के जरिये कोहराम मचाने वाले चीन के अंत की अब जैसे शुरुआत हो चुकी है और प्रधानमंत्री मोदी की डिप्लोमसी अब भारत के लिए स्वर्णिम साबित हो रही है।
 दुनिया भर के बड़े-बड़े देशों की लाखों करोड़ की कम्पनियाँ चीन से बाहर शिफ्ट होने को लेकर काम कर रही है, जापान ने आधिकारिक ऐलान किया है इसके साथ-साथ साउथ कोरिया की बड़ी कंपनी सैमसंग ने भी चीन में अपना काम बंद कर दिया है।
 इसके साथ-साथ अब एक बड़ी जानकारी सामने आ रही है और ये जानकारी भारत के पक्ष में है, "चीन में काम कर रही बहुत बड़ी साउथ कोरियाई कंपनी हुंडई जो की दुनिया में कार बनाने वाली बड़ी कंपनियों में शामिल है और इसके साथ-साथ पोस्को चीन से भारत में शिफ्ट होने को लेकर काम कर रही है।
 ये दोनों ही लाखों करोड़ की कम्पनियाँ है और दोनों कंपनियों ने चीन में बड़े-बड़े प्लांट लगाकर रखे है, इन कंपनियों ने चीन में प्लांट इसलिए लगाया क्योंकि चीन में मजदूरी सस्ती है और प्लांट लगाने के लिए चीनी सरकार ने जमीने भी सस्ती में दी।
 कोरोना महामारी के बाद इन कंपनियों में चीन को लेकर आक्रोश है और दोनों ही कम्पनियाँ भारत में शिफ्ट होने के लिए भारत सरकार से बातचीत कर रही है।

भारत में इन दोनों कंपनियों को प्लांट लगाने के लिए सही जमीन की जरुरत है और ऐसे ही मुद्दों पर भारत सरकार से दोनों कंपनियों की बातचीत शुरू हो गई है।
 चीन से ये कम्पनियाँ जब भारत में शिफ्ट होंगी तो चीन को सीधे-सीधे कई लाख करोड़ का नुकसान होगा और भारत को कई लाख करोड़ का फायदा, इसके साथ-साथ भारत में मजदूरी, मैनेजमेंट जैसे कई रोजगार उत्पन्न होंगे, भारत सरकार इस मौके का पूरा फायदा उठा लेना चाहती है।

 जानकारी ये भी है कि योगी सरकार तो पहले से ऐसी कंपनियों को यूपी में प्लांट लाने को लेकर काम भी कर रही है।

मोदी सरकार चाहती है कि चीन से बाहर जो भी कम्पनियाँ आना चाहती है उनकी पहली पसंद भारत ही हो, प्रधानमंत्री मोदी के जापान, साउथ कोरिया, अमेरिका के राष्ट्र अध्यक्षों से रिश्ते भी काफी अहम् है और जो कुछ डेवलपमेंट अब हो रहा है वो प्रधानमंत्री मोदी की बड़ी कामयाबी है।