जानिए क्यों क्रूर है शनि देव की दृष्टि क्या शनि देव को दिया था उनकी पत्नी ने श्राप



*जानिए, शनि देव की दृष्टि क्यों है क्रूर - के सी शर्मा*


शनि देव को दिया था उनकी पत्नी ने श्राप, जानिए ऐसी है कथा।

शनि देव से मिलने के लिए उनकी पत्नी ने काफी इंतजार किया लेकिन वे भगवान कृष्ण की भक्ति में इतना रम गए थे कि उन्हें समय का आभास ही नहीं रहा। इतने में शनिदेव की पत्नी का गुस्सा बढ़ता जा रहा था, इसके चलते उन्होंने शनिदेव को श्राप दिया कि आज से आप जिसे देखोगे वह नष्ट हो जाएगा।
ब्रम्हापुराण के अनुसार बचपन से ही शनिदेव भगवान कृष्ण के भक्त थे। बड़े होने के बाद इनका विवाह चित्ररथ की कन्या से किया गया। इनकी पत्नी परम तेजस्विनी थीं। एक बार पुत्र-प्राप्ति की इच्छा लेकर वे अपने पति शनिदेव के पास पहुंची। लेकिन शनिदेव भगवान कृष्णा की भक्ति में लीन थे, ऐसे में पत्नी को गुस्सा आ गया और उन्होंने श्राप दे दिया।
जीवन में ग्रहों का प्रभाव बहुत प्रबल माना जाता है। ऐसे में शनि ग्रह अशांत हो जाए तो मनुष्य के जीवन में कष्टों का आगमन शुरू हो जाता है।

शनि भगवान सूर्य और छाया के पुत्र हैं। शनि को क्रूर दृष्टि का ग्रह कहा जाता है। यह किसी के भी जीवन में उथल-पुथल मचा सकते हैं। यह बात कम ही लोग जानते हैं।

तो बचना मुश्किल है। (how to please lord shani dev)
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार शनिदेव रोहिणी-शकट भेदन कर दें तो पृथ्वी पर 12 वर्ष का अकाल पड़ जाएगा, ऐसे में किसी भी प्राणी का बचना मुश्किल है।

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शनिदेव नहीं चाहते थे यह बात…( shani dev story in hindi)
श्राप के बाद ध्यान टूटा तो शनिदेव ने अपनी पत्नी को समझाया तो भूल का पश्चाताप हुआ। मगर एक बार बोले गए वचन वापस नहीं ले सकते हैं। उस दिन से शनिदेेव अपना सिर नीचा रखने लगे, वे स्वयं भी नहीं चाहते थे कि उनके द्वारा किसी का अनिष्ट हो।

शनिवार को होती है विशेष पूजा (shaniwar puja vidhi shubh muhurat)
शनिदेव की पूजा के लिए शनिवार विशेष दिन होता है। शनिदेव के किसी भी मंदिर में पूजा-अर्चना की जा सकती है। भगवान हर जगह विराजमान है। सच्चे मन से की गई पूजा शनिदेव जरूर स्वीकारते हैं।

 भक्तों को शनिदेव आशीर्वाद के रूप में सारे कष्ट हर लेते हैं। आशीष बताते हैं कि मैं हर शनिवार को शनि मंदिर जाता हंू। मैंने सच्च मन से शनिदेव की आराधना की। इसके बाद उन्होंने मेरी सारी परेशानियां हर ली।