मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ रेलवे यूनियन का जागरूकता सप्ताह 1 से 6 जून तक एवं राष्ट्रव्यापी मांग दिवस 8 जून को


सवाई माधोपुर/गंगापुर सिटी@रिपोर्ट चंद्रशेखर शर्मा। ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के आह्वान पर फेडरेशन से संलग्न सभी यूनियन के तत्वावधान में अखिल भारतीय स्तर पर 1 जून से 6 जून तक पूरे देश में रेल कर्मचारी जागरूकता सप्ताह के माध्यम से यूनियन कार्यकर्ता रेल कर्मियों से मेन-टू-मेन मिलकर सरकार द्वारा करोना वायरस महामारी की आड़ में मजदूर विरोधी फैसलो का पर्दाफाश करेंगे एवं 8 जून को पूरे देश में रेल का कर्मचारी सरकार के महंगाई भत्ते एवं महंगाई राहत फ्रीज करने जैसे निर्णय के विरुद्ध मांग दिवस के रूप में भारत सरकार को चेतावनी देंगे।
वेस्ट सेंट्रल रेलवे एंप्लाइज यूनियन के मंडल उपाध्यक्ष नरेंद्र जैन ने बताया कि कोरोना महामारी की आड़ में सरकार ने गत दिनों केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियों के महंगाई राहत को डेढ़ वर्ष के लिए फ्रिज करने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही रेलवे डिफेंस कोयला स्टील और भारत सरकार के सार्वजनिक उपकरणों में प्राइवेटाइजेशन करने के बारे में कार्य योजना बनाने एवं उद्योगपतियों के ऋण माफ करने का उपक्रम किया है। इससे रेल कर्मचारी और तमाम केंद्रीय कर्मचारी बहुत ज्यादा आहत है। इसी प्रकार सरकार ने अनावश्यक रूप से श्रमिक कानूनों में संशोधन करने की चेष्टा की है। इसे हम बर्दाश्त नहीं करेंगे इसलिए सरकार की नीतियों के विरोध में ऑल इंडिया रेलवे फेडरेशन के आह्वान पर अब रेल कर्मचारी आंदोलन की राह पर है। पश्चिम मध्य रेलवे में यूनियन के महामंत्री मुकेश गालव के नेतृत्व में 1 जून से 6 जून तक यूनियन की शाखाओं के माध्यम से सरकार की नीतियों के विरोध में आर-पार के संघर्ष में शामिल होने के लिए घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करवाकर सरकार की नीतियों के खिलाफ जन जागरण चलाया जाएगा। गत दिवस इस बारे में यूनियन की कोटा मंडल की मंडल कार्यकारिणी की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हो चुकी है, जिसमें इस बारे में रणनीति भी तैयार कर ली गई है।