मुख्यमंत्री निवास पर अशोक गहलोत की अत्यावश्यक बैठक 1 जून से होंगे कई बदलाव, मुख्यमंत्री ने किए तीन बड़े एलान



जयपुर/ सवाई माधोपुर@रिपोर्ट चंद्रशेखर शर्मा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बोर्ड परीक्षा, कर्फ्यू व कोरोना को लेकर एडवाइजरी जारीकरने जैसे तीन बड़े ऐलान किए हैं। मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राजस्थान बोर्ड की 10वीं व 12वीं की बची हुई परीक्षाएं जून में होंगी। जल्द परीक्षा का टाइम टेबल जारी कर दिया जाएगा। दूसरा बड़ा एलान यह है, कि 31 मई के बाद भी प्रदेशभर में रात्रिकालीन कर्फ्यू जारी रहेगा। यानी शाम 7 से सुबह 7 बजे तक इमरजेंसी सेवाओं के अलावा सबकुछ बंद रहेगा। तीसरे एलान में उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सुप्रीम कोर्ट की भावना के अनुरूप निजी अस्पतालों में कोरोना के निःशुल्क इलाज के लिए एक एडवाइजरी जारी की जाए। जो भी अस्पताल इसका उल्लंघन करे, उसके विरुद्ध कार्रवाई का प्रावधान हो। गहलोत ने सीएम निवास पर कोरोना संक्रमण को लेकर हुई उच्च स्तरीय बैठक के दौरान ये अहम फैसले किए।
गहलोत ने 10वीं व 12वीं की बची हुई परीक्षाएं कराने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों को समुचित व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए हैं। अब इन परीक्षाओं की तिथियों का कार्यक्रम राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर द्वारा जारी किया जाएगा। सीएम ने अधिकारियों को इस दौरान कोरोना संदर्भ में जारी हेल्थ प्रोटोकॉल की पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। कंटेनमेंट जोन को लेकर सीएम गहलोत ने कहा कि एक्टिव केसेज की संख्या के अनुसार इनका दोबारा निर्धारण करें। ताकि केवल संक्रमित क्षेत्र में ही कफ्र्यू रहे। यह भी कहा कि प्रशासन हेल्थ प्रोटोकॉल की सख्ती से पालना के लिए कैमरों सहित अन्य माध्यमों से प्रभावी निगरानी करे। महामारी अध्यादेश के तहत लागू पेनल्टी व जुर्माने के प्रावधानों में किसी तरह की कोई शिथिलता न बरती जाए।
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने अन्य अहम घोषणाएं भी की हैं। उन्होंने कहा कि श्रमिकों को सुगमता से रोजगार मिल सके, इसके लिए सोमवार से राज कौशल राजस्थान एम्पलॉयमेंट एक्सचेंज का शुभारंभ होगा। अनावश्यक खर्चों पर रोक के लिए कमेटी बनेगी, जिससे खर्चों का विश्लेषण कर बची धनराशि जरूरी व जनउपयोगी कामों में लग सके। जिला अस्पताल से सब सेंटर तक हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत हो ताकि जुलाई-अगस्त में कोरोना का दूसरा दौर आए तो निपट सकें। बच्चों के टीकाकरण अभियान में कोई कमी नहीं रहे। राजकीय चिकित्सालयों में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हों।