भारत को जुलाई में मिल जाएंगे पहले 4 राफेल लड़ाकू विमान



विमानों को फ्रांस से मई में ही आना था, कोरोनावायरस संकट के चलते फ्रांस और भारत ने इसे दो महीने के लिए टाल दिया था
2022 तक सभी 36 राफेल विमान भारत को मिल जाएंगे, पहले 18 राफेल जेट अंबाला एयरबेस में रखे जाएंगे !

इस साल जुलाई के अंत तक भारत को पहले चार राफेल फाइटर प्लेन मिल जाएंगे। फ्रांस से सीधा ये हरियाणा के अंबाला स्थित एयरबेस में उतारे जाएंगे। पहले ये प्लेन मई में ही आने वाले थे लेकिन कोरोना संकट के चलते इसे दो माह के लिए टाल दिया गया था।  

राफेल मिलने से भारतीय वायुसेना की ताकत में जबरदस्त इजाफा होगा। हवा से हवा में और हवा से जमीन पर वार करने की क्षमता पाकिस्तान और चीन के मुकाबले भारत की काफी बढ़ जाएगी। मतलब यह जेट एकसाथ जमीन से आसमान तक दुश्मनों को पस्त कर सकता है। इसकी ताकत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक राफेल को रोकने के लिए पाकिस्तान को दो F-16 विमानों की जरूरत पड़ेगी।

एडवांस तकनीक से लैस है राफेल
भारत के लिए राफेल काफी जरूरी है। अभी तक मिस्र और फ्रांस में राफेल जेट का प्रयोग होता रहा है। हालांकि, भारत को मिलने वाला राफेल ज्यादा एडवांस   है। भारत की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इसमें कुछ अतिरिक्त फीचर्स भी जोड़े गए हैं। पहला राफेल भारत की तरफ से 17 गोल्डन एरो के स्क्वॉड्रन कमांडिंग ऑफिसर उड़ाएंगे। उनके साथ एक फ्रेंच पायलट भी रहेगा। 2022 तक सभी 36 राफेल विमान भारत को मिल जाएंगे। पहले 18 राफेल जेट अंबाला एयरबेस में रखे जाएंगे, जबकि बाकी के 18 विमान पूर्वोत्तर के हाशीमारा में तैनात किए जाएंगे।