गांव अमीर नहीं बनाते तो भूखा भी नहीं सोने देते- के सी शर्मा

गांव अमीर नहीं बना सकते तो भूखा भी नहीं सोने देंगे  के सी शर्मा
                                                             मजबूर मजदूर क्यो वो अपने गांव ही भाग रहे हैं क्योंकि उन्हें भरोसा है कि गांव भूखा नहीं मरने देगा? 
                                                                  वहां  बेरोजगारी है, बेकारी है  लेकिन भुखमरी नहीं है लाख विपन्नताओं के बाद भी गांव में भूख से शायद ही कोई मरता हो?                                                     
वह भी तब जब कोई सरकारी सहायता कायदे से आज तक कभी गाँव मे पहुंच ही नही पा रही हो?? कोई एनजीओ रॉशन बांटने नहीं आ रहा। गांव अपने बूते पर जिन्दा है!! 
                                                                                     लेकिन शहर ज्यादा दिन अपने बूते जिन्दा नहीं रह सकते क्योंकि न तो वो अनाज पैदा करते हैं न पानी पैदा करते हैं? वो जो पैदा करते हैं उसे खा नहीं सकते इसीलिए सभ्यता की इक्कीसवीं सदी में भी गांव शहरों से श्रेष्ठ हैं!!