जानिए नमस्ते का वास्तविक अर्थ -के सी शर्मा


नमस्ते किसी का अभिवादन या स्वागत करने का एक अद्भुत संकेत है, जिसके कई वैज्ञानिक फायदे भी हैं।
 नमस्ते का उच्चारण करने से शरीर के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो सामने वाले व्यक्ति की आत्मा को भी तृप्त करती है। भारतीय संस्कृति में नमस्ते का एक महत्वपूर्ण स्थान है।
अधिकतर लोग सोचते हैं कि नमस्ते लोगों का स्वागत और अभिनंदन करने का माध्यम है, जो कि सदियों से इस्तेमाल किया जा रहा है लेकिन आपको शायद पता नहीं होगा कि नमस्ते के इन सबसे अलग भी कई मतलब होते हैं।
 इस संकेत का योग और मेडिटेशन में इस्तेमाल करने के वैज्ञानिक फायदे बताए गए हैं। नमस्ते का ‘नमः’ शब्द का अर्थ होता है नमन, जिसमें आप अपने हाथों को जोड़कर सामने वाले का सम्मानपूर्वक स्वागत करते हैं। इसके साथ ही नमस्ते और नमस्कार दोनों का अलग-अलग मतलब होता है।आइये नमस्ते का वास्तविक अर्थ जानते हैं?

नमस्ते और नमस्कार में अंतर: नमः का मतलब अभिवादन करना होता है। संस्कृत से लिए गए इस शब्द का गहरा अर्थ होता है। वास्तव में जब आप कुछ संस्कृत शब्द का उच्चारण करते हैं तो आपके शरीर के अंदर ऊर्जा और ताकत का संचार होता है। शायद आपको ज्ञान होगा कि ओम और नमः जैसे संस्कृत शब्दों के उच्चारण के स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं, इसलिए लोग मेडिटेशन और योग के दौरान इन शब्दों का उच्चारण करते हैं। तो यहां पर ‘नमः’ का मतलब ‘अभिवादन’ और ‘ते’ का मतलब ‘आपका’ होता है। इसलिए नमस्ते का शाब्दिक अर्थ होता है ‘आपका अभिवादन’ हुआ। दूसरी तरफ नमस्कार का भी एक सांकेतिक मतलब होता है। हालांकि इस बात पर काफी विवाद है कि कौन-सी स्थिति में कौन-सा संकेत इस्तेमाल किया जाना चाहिए। लेकिन यहां पर नमस्कार का शाब्दिक अर्थ अभिवादन करना होता है।

नमस्ते का अध्यात्मिक अर्थ: नमस्ते एक सुंदर संकेत है, जो कि सामने वाले व्यक्ति के अन्दर की आत्मा का सम्मान दर्शाता है। जब आप दोनों हथेलियों को जोड़कर मुंह से नमस्ते का उच्चारण करते हैं, तो आपके अंदर एक तरंग उत्पन्न होती है। इसके साथ ही यह तरंग सामने वाले व्यक्ति के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। मेडिटेशन के दौरान नमस्ते पवित्रता का प्रतीक होता है साथ ही यह एक माध्यम है जो दिमाग और आत्मा का संबंध बनाता है। जब आप अंदर से इस शब्द का उच्चारण करते हैं तो यह शब्द आपके दिमाग और आत्मा को अध्यात्म से जोड़ता है। इसलिए विशेषज्ञ बताते हैं कि मेडिटेशन के दौरान नमस्ते का उच्चारण करने से ध्यान में वृद्धि होती है।