जानिए अशोक वृक्ष की क्या है महत्ता के सी शर्मा



जानिए अशोक वृक्ष की क्या है महत्ता के सी शर्मा*

अशोक का अर्थ है किसी भी तरह के शोक से मुक्त। अशोक का पेड़ आपने आसपास देखा होगा। 
इस पेड़ की छाया में बैठने से दुख-संताप से मुक्ति मिलती है। आयुर्वेद में भी इसका अत्यधिक महत्व माना गया है।
 शास्त्रों के अनुसार, अशोक का पेड़ बहुत पवित्र व लाभकारी होता है। मान्यता है कि अशोक का वृक्ष जिस स्थान पर उगता है वहां दुख अौर अशान्ति का नाश हो जाता है। 
इस पेड़ में औषधीय गुणों के साथ-साथ ज्योतिषय गुण भी होते हैं। 
मांगलिक एवं धार्मिक कार्यों में अशोक के पत्तों का प्रयोग किया जाता है। वास्तुनुसार अशोक का वृक्ष घर में लगाना अत्यंत लाभकारी है। 

अशोक के पत्तों को वंदनवार के रूप में मुख्य द्वार पर लगाने से नकारात्मक शक्तियां घर में प्रवेश नहीं कर पाती।

जब भी घर में कोई मांगलिक उत्सव मनाया जाए या कोई त्यौहार हो या कोई विवाह आदि कार्यक्रम हो तो अशोक के पत्तों की वंदनवार लगाएं। वंदनवार ऐसे लगाए कि उसके नीचे से निकलने वाले लोगों के सिर पर वह स्पर्श होती रहे। वंदरवार अधिक ऊपर नहीं लगाई जाना चाहिए। इसके प्रभाव से घर परिवार में सुख और शांति बढ़ती है। कार्यों में सफलता मिलती है।

कार्यो में शीघ्र सफलता पाने के लिए किसी भी शुद्ध मुर्हूत में अशोक वृक्ष की जड़ को निकाल लें। जड़ को निकाल उसे स्वच्छ जल अथवा गंगा जल से शुद्ध करके। अपने पूजा के स्थल में माँ दुर्गा के मन्त्र से 108 बार जाप करें। इसके बाद इस मूल जड़ को लाल कपड़े या लाल धागें में शरीर पर धारण करने से कार्यो में शीघ्र ही सफलता मिलने लगती है। इसकी मूल जड़ को शुद्ध करके तकिये के अन्दर रखने से वैवाहिक जीवन में परस्पर प्रेम रहता है।

अशोक के पेड़ पर यदि प्रतिदिन जल चढ़ाया जाये तो उस गृह में माँ भगवती कृपा विद्यमान रहती है। उस मकान में रोग, शोक, गृह कलेश अशान्ति आदि समस्यायें न के बराबर रहती है। इस पेड़ पर जो जातक नित्य जल अर्पित करता है। उस पर माँ लक्ष्मी की कृपा बरसती है। प्रत्येक शुक्रवार को अशोक के वृक्ष के नीचे घी एवं कपूर मिश्रित दीपक जलाने से घर में नकारात्मबक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती है।

जो भी जातक निरन्तर व्यवसाय में हानि उठा रहे एवं उनका व्यवसाय बन्द होने की कगार पर है। वह जातक निम्न प्रयोग करके लाभ प्राप्त कर सकते है। अशोक वृक्ष के बीजों को प्राप्त कर उन्हें स्वच्छ करके धूप व अगरबत्ती दे और आँखे बन्द करके अपनी समस्या से मुक्ति देने की प्रार्थना करें तद्नन्तर इन बीजों में से एक बीज को किसी ताबीज में भरकर अपने गले में धारण कर लें। शेष बीजों को धन रखने के स्थान पर रख दें। यह उपाय शुक्ल पक्ष के प्रथम बुधवार को करना अति उत्तम रहेंगा।

किसी भी शुभ मुर्हूत में अशोक के पेड़ की जड़ को पूर्व निमन्त्रण देकर निकाल लायें। उस समय आप मौन रहें। घर में लाकर इसे गंगा जल से शुद्ध करके तिजोरी या धन रखने के स्थान रखें। इस प्रकार का उपाय करने से उस घर में धन की स्थिति पहले की अपेक्षा काफी सुदृढ़ हो जाती है।

जो लोग देवी मां के भक्त हैं और माता की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं वे अशोक के वृक्ष में प्रतिदिन जल चढ़ाएं। जल चढ़ाते समय देवी मंत्रों का जप करना विशेष लाभदायक रहता है। इस उपाय से देवी कृपा प्राप्त होती है और किस्मत साथ देने लगती है।

यदि किसी घर में पति-पत्नी के बीच तनाव रहता हो, लड़ाई-झगड़े अधिक होते हो तो अशोक के 7 पत्ते घर में देवी-देवताओं की प्रतिमा के सामने रखें। जब भी पत्ते मुरझा जाए तो दूसरे सात पत्ते रख दें। जो पत्ते सुख जाते हैं या मुरझा जाते हैं उन्हें पीपल के वृक्ष की जड़ों में डाल देना चाहिए। इस तरह 40 दिन करे। इस उपाय से पति-पत्नी के बीच प्रेम बढ़ता है।