इंशान कैसा होना चाहिए- वरिष्ठ पत्रकार के सी शर्मा का विशेष लेख



"यह सवाल मैंने अलग अलग इंसानों से पूछा और जवाब कुछ इस तरह थे,,,,,
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सब से पहले यह सवाल किया महिला से कि "इन्सान कैसा होना चाहिए"
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महिला का जवाब-खुबसूरत, मुझे देखो सब मुझे पसंद करते है और मुझसे दोस्ती करना चाहते है क्योकि मैं खुबसूरत हूँ।
जवाब सुन कर मैंने सोचा- ज़िन्दगी गुजार दी तन के अहंकार में।
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फिर यह सवाल किया व्यापारी से क़ि "इन्सान को कैसा होना चाहिये"
व्यापारी का जवाब-धनवान, मुझे देखो सब मुझे पसंद करते है और मेरे जैसा बना चाहते है क्योकि मैं धनी हूँ।
जवाब सुन कर मैंने सोचा-जिंदगी गुजार दी धन के अहंकार में।
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फिर यह सवाल किया पंडित जी से क़ि "इन्सान को कैसा होना चाहिये"
पण्डित जी का जवाब-ज्ञानी, मुझे देखो सब मुझे पसंद करते है और मेरे जितना विद्वान बना चाहते है क्योकि मैं ज्ञानी हूँ।
जवाब सुन कर मैंने सोचा-जिंदगी गुज़ार दी ज्ञान के अहंकार में।
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फिर यह सवाल किया एक बच्ची से क़ि "इन्सान कैसा होना चाहिए"
बच्ची का जवाब- -- मेरी माँ जैसा क्योकि वो खुद से और सब से ज्यादा प्यार मुझे
करती है खुद भूखी सो सकती है पर मुझे भूखा देख भी नहीं सकती।
मेरी माँ को सब बदसूरत निर्धन और अनपढ़ कहते है। वो फिर भी मुस्कुराते रहती है और मुझसे ज्यादा किसी की परवाह नही करती खुद की भी नहीं।
यह जवाब सुन कर मैं कुछ सोच न सका और समझ गया के ज़िन्दगी माँ के प्यार के बिना अधूरी है ओर शायद इसलिय कहते है के भगवान हर जगह हमारे लिए
नही हो सकता तभी उसने माँ बनाई,,,,,
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दोस्तों आज का इन्सान चाहता है के उसके पास कुछ न हो पर तन मन धन जरुर हो। 
मगर सच तो यह है कि ज़िन्दगी माँ के प्यार के बिना अधूरी है।