वर्चुअल लाइव में कर्जा माफी को लेकर शैलेश पाठक से जुड़े हजारों किसान

डॉ शैलेश पाठक ने आज किसान की कर्जा माफी एवं बिजली का बिल माफ किए जाने की मांग को लेकर वर्चुअल लाइव द्वारा चर्चा की जिसमें हजारों की संख्या में लोगों ने भाग लियाl डॉक्टर डॉ शैलेश पाठक ने कहां कि वैश्विक महामारी के चलते क्षेत्रवासियों के संपर्क में दैनिक जीवन की तरह नहीं रह पा रहा हूं अतः सभी से चर्चा करने के लिए वर्चुअल लाइव की आवश्यकता पड़ी सर्वप्रथम उन्होंने 2 गज की दूरी बनाते हुए लगातार मास्क लगाने की जागरूकता का आह्वान किया l
डॉ पाठक ने विशेष तौर पर किसानों के प्रति चिंता जताते हुए कहा कि गरीब किसान की स्थिति एवं एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति की स्थिति में बहुत ज्यादा अंतर नहीं है, वैश्विक महामारी कोरोना के आने से पहले ही किसान मौसम की मार मारा जा चुका था बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने किसान की आर्थिक स्थिति को चौपट कर दिया था ऐसे में वैश्विक महामारी कोरोना ने रही सही कसर पूरी कर दी l जहां गेहूं खरीद के दौरान किसान अपना गेहूं सरकारी रेट पर नहीं देख पाया उसे मजबूरी बस बिचौलियों का शिकार होना पड़ा, किसान को अपनी सब्जी अपनी लागत से आधे कम मूल्य पर बेचनी पड़ी l उन्होंने बताया कि मेरे विधानसभा क्षेत्र के ग्राम कौर में मैंने स्वयं किसान को गेंदा के फूल की फसल को खत्म करते हुए देखा l डॉ पाठक ने कहा किसान की बिजली का बिल इधर ऐसी कर दी गई हैं जैसे वह किसी मल्टीनेशनल कंपनी का मालिक हो।मौजूदा दरें किसान पूरी करने में सक्षम नहीं है l उन्होंने कहा किसान का दर्द वह लोग नहीं समझ सकते जो ऐशो आराम की जिंदगी जीते हैं।टिड्डी दल आने की बात चली कुछ लोगों ने अपने शीशे के अंदर से फोटो खींचकर फेसबुक पर डाला कुछ लोगों के मन में उत्सुकता रही कि टिड्डी आएगा तो दरवाजे बंद कर लेंगे जो लोग गाड़ी में होंगे वह अपनी गाड़ी के शीशे बंद कर लेंगे परंतु उसके साथ से पूछिए जो किसान रात रात भर विचलित स्थिति में अपने खेत पर बैठा रहा कहीं ऐसा ना हो टिड्डी दल आए और यह हमारी फसल बर्बाद करके चला गया l किसान की धरोहर उसकी जमीन होती है एवं वह जमीन बैंक में बंधक होने के कारण जब ऋण चुकता नहीं कर पाता है तो उसे अपनी ज़मीन नीलाम होने का भय होता है। l शैलेश पाठक ने वर्चुअल लाइव के द्वारा हजारों आदमियों के साथ सरकार से निवेदन किया कि किसान की कर्जा माफी एवं बिजली का बिल माफ किया जाए l
   आपको बताते चलें डॉक्टर पाठक पहले भी समय-समय पर किसान की बात उठाते चले आए हैं लॉकडाउन के दूसरे दिन से ही वह अपने क्षेत्र में पूरी तरह सक्रिय रहें।लाखों की संख्या में उन्होंने मास्क वितरण किया।हर ज़रूरत मंद घर तक राशन पहुँचाया।सभी पत्रकार,डॉक्टर,सफ़ाई कर्मचारियों को पी पी किट दिलायी।उन्होंने किसान की गेहूं की खरीद की बात को भी बदायूं से लेकर लखनऊ तक उठाया था जो अंततः पूरी भी हुई थी l डॉ पाठक की केसीसी एवं बिजली का बिल माफ करने की इस मांग के प्रति भी लोगों में जहां एक तरफ जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है वही दिल्ली रूप से लोग शैलेश पाठक से जुड़ भी रहे हैं