वृक्ष जीवन संस्कृति सभ्यता और संस्कारों के प्रतीक: संजीव

उझानी: सत्योदय शिक्षा निकेतन इंटर काॅलेज वनगवां के खेल मैदान और तालाब किनारे  समाजसेवियों, शिक्षकों और बच्चों ने औषधीय पौधे लगाए। संस्था के अध्यक्ष कुंवरपाल सिंह चैहान ने पौधों का पूजन और युवाओं ने धरती को हराभरा बनाने का संकल्प लिया।
कथावाचक रवि महाराज ने कहा कि वनों और जंगलों की अंधाधुंध कटाई ने वायु को जहरीला, भूमि को बंजर और जल को प्रदूषित कर दिया है। हरीतिमा संवर्धन से हमारी जलवायु समृद्ध, संपन्न, स्वस्थ और संतुलित होगी।
गायत्री परिवार के संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि वृक्ष हमारा जीवन हैं, संस्कृति, सभ्यता और संस्कारों के प्रतीक हैं। वृक्ष हैं तो धरती पर स्वर्ग है। पेड़ पौधों के अभाव में जीव जन्तु और जीवनदायिनी नदियां बिलुप्त होती जा रही हैं। वृक्षों की अद्भुत क्षमताओं से वातावरण सुखद और सुंदर बनता है।
प्रबंधक सत्येंद्र सिंह चैहान ने कहा कि पेड़ मानव जीवन का आधार और पृथ्वी की बहुमूल्य संपदा हैं। पेड़ों के बिना पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं है। पौधे लगाकर धरती का श्रंगार करें।
समाजसेवी रामनिवास शर्मा ने कहा कि मानव सभ्यता और पृथ्वी के अस्तित्व को बचाने के लिए पौधों का रक्षण, पोषण और सरंक्षण करें। वृक्षों द्वारा प्रदत्त आॅक्सीजन प्राणीजगत की संजीवनी है।
विद्यालय प्रांगण में समाजसेवियों, शिक्षकों और बच्चों ने आॅडू, जामुन, बेल, पपीता आदि के पौधों को लगाया। इस मौके पर विजेंद्र सिंह सोलंकी, प्रदीप कुमार चैहान, भास्कर प्रताप सिंह, अभी चैहान आदि मौजूद रहे।