जानिए महाभारत : पाताल लोक में कैसे बचाई थी नागों ने भीभ की जान ऐसे बने थे महाबलशाली-के सी शर्मा

 

हस्तिनापुर की राजगद्दी को लेकर महाभारत युद्ध हुआ था. धर्म और अधर्म की इस लड़ाई में बहुत से अनुचित तरीकों का प्रयोग किया गया था. धृतराष्ट्र पुत्र दुर्योधन जो कभी धर्म के रास्ते पर नहीं चला. उसने हमेशा राज्य पर राज करने के लिए गलत तरीका ही अपनाया. वो हमेशा से पांच पांडवों से से वह बेहद नफरता किया करता था और हर समय उन्हें मारने का षड्यंत्र रचा करता था. पांच पांडवों में से भीम को वह अपना परम शत्रु मानता था.

दुर्योधन ने भीम को मारने के लिए रचा षड्यंत्र
दुर्योधन मलयुद्ध में माहिर थे. भीम भी इस खेल में परांगत थे. बचपन से ही भीम दुर्योधन को इस खेल में चुनौती देते आए थे. इस कारण भी दुर्योधन बचपन से ही भीम से अधिक शत्रुता रखता था. दुर्योधन का ऐसा मानना था कि यदि किसी तरह से वह भीम को खत्म कर दे तो इसके बाद युधिष्ठिर, अर्जुन और सभी भाइयों को बंदी बनाकर संपूर्ण राज्य पर राज करेगा. मामा शकुनि दुर्योधन को इसके लिए लगातार प्रेरित करता रहता था. इसके ही चलते दुर्योधन ने भीम को कालकूट विष देने की योजना बनाई.

भीम को मारने के लिए दुर्योधन ने दिया विष
शकुनि के प्रोत्साहित करने के बाद दुर्योधन ने एक बार भीम को जहर देकर मारने की योजना बनाई. इसके लिए दुर्योधन ने पूरा एक षड्यंत्र रचा. दुर्योधन सभी पांडवों को जल विहार में आनंद करने के लिए बुलाया इसके लिए दुर्याेधन ने गंगा नदी के किनारे सभी लोगों के रहने रूकने और खाने पीने के लिए विशेष इंतजाम कराए. भीम को मारने के लिए दुर्याेधन ने उदयनक्रीडन नाम का स्थल विशेष तौर पर विकसित कराया. जिसमें पांडवों के लिए हर सुविधा की व्यवस्था की गई. दुर्योधन के आग्रह करने पर सभी पांडव यहां पर पहुंचे. भीम के लिए दुर्योधन ने विशेष पकवान बनवाए लेकिन इसमें उसने कालकूट नाम का खतरनाक विष मिला दिया. इस विष के सेवन से भीम बेहोश हो गए. दुर्योधन ने भीम को रस्सियों से बांधकर गंगा नदी में धकेल देता है.

भीम पर सांपों ने बोला हमला
भीम बेहोशी की हालत में पाताल लोक जिसे नागलोक भी कहा जाता है वहां पर पहुंच गए. बेहोशी के हालत में भीम पर नागों ने हमला बोल दिया. सांपों के डसने के कारण भीम का जहर कम होने लगा. सांपों के डसने के कारण भीम का पूरा जहर उतर गया और वे होश में आ गए. होश में आते ही भीम को नागलोक के राजा वासुकी के सामने पेश किया गया. जहां पर वासुकी के साथी सर्प आर्यक ने भीम को पहचान लिया. आर्यक भीम के नाना के नाना थे. नाग राजा वासुकी को जब यह बात पता चलती है तो वो बहुत प्रसन्न होते हैं और भीम को उपहार देने का आदेश देते हैं.

इस तरह से भीम को प्राप्त हुई हजारों हाथियों की शक्ति
वासुकी के उपहार देने के आदेश पर आर्यक कहते हैं कि महाराज ये धन और रत्न लेकर क्या करेंगे आपका आदेश हो तो जो विष भीम के शरीर में शेष रह गया उसे पीनें की आज्ञा दें ऐसा करने से भीम के भीतर हजारों हाथियों का बल आ जाएगा. वासुकी आर्यक को जहर पीने की आज्ञा देते हैं. इसके बाद भीम शक्तिशाली बन जाते हैं.