इंदौर में कोरोना टेस्ट की फीस 2500 रुपए तय

इंदौर में कोरोना टेस्ट की फीस 2500 रुपए तय, 10 दिन भर्ती रखने का नियम खत्म, बिना लक्षण वाले मरीज तीन दिन बाद जा सकेंगे होम आइसोलेशन में
इंदौर.deepak tiwari मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद रविवार को कोरोना टेस्टिंग और अस्पतालों द्वारा लिए जा रहे बिल को लेकर गाइड लाइन जारी कर दी गई। अब यह तय कर दिया गया है कि निजी लैब कोरोना टेस्टिंग के लिए अधिकतम ढाई हजार रुपए ही ले सकेंगी, इसमें घर से सैंपल कलेक्शन चार्ज भी शामिल है। साथ ही अब सरकारी, निजी या अनुबंधित कोविड अस्पताल हल्के या बिना लक्षण पर मरीज को 10 दिन तक बेवजह भर्ती नहीं रखेंगे। ऐसे मरीज जिन्हें हल्के लक्षण थे और तीन दिन में खत्म हो गए, बुखार भी नहीं है, वह डिस्चार्ज हो सकेंगे। किसी भी अस्पताल को भर्ती मरीजों की टेस्टिंग कराने की पात्रता नहीं होगी, केवल गंभीर लक्षण वाले मरीज के लिए ही निजी लैब से टेस्टिंग करा सकेंगे। इस संबंध में कलेक्टर मनीष सिंह ने धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर दिए हैं
अस्पतालों को लेकर जारी गाइडलाइन
जिले की सभी निजी लैब जो कोविड टेस्टिंग के लिए लाइसेंस प्राप्त है, वह प्रति टेस्टिंग ढाई हजार रुपए से अधिक नहीं ले सकेंगी, इसमें घर से सैंपल कलेक्शन चार्ज भी शामिल है।
कोई भी अस्पतातल भर्ती मरीज की कोरोना टेस्टिंग नहीं करा सकेंगे, केवल गंभीर मरीज की स्थिति में ही जांच हो सकेगी।
ऐसे मरीज जो भर्ती हैं, हल्के लक्षण थे जो तीन दिन में खत्म हो गए, बुखार नहीं है, आक्सीजन की जरूरत नहीं है, वह अस्पताल से डिस्चार्ज होकर घर पर होम आईसोलेशन में या पैड कोविड केयर सेंटर में रह सकेंगे।
मरीज को 10 दिन तक अनिवार्य तौर पर भर्ती नहीं रखा जा सकेगा।
होम आइसोलेशन में शिफ्ट करने के लिए अस्पताल प्रबंधन डॉ. बीएस शेखावत, डॉ. महेश कुमार खरचीया से संपर्क करेंगे। डॉ. हेमंत जैन व डॉ. सुनील गंगराडे होम आइसोलेशन व्यवस्था को देखेंगे।
सैंपलिंग से लेकर 10 दिन तक की अवधि पूरी होने तक होम आइसोलेशन में रहना होगा।
यदि कोई मरीज किसी अस्पताल से अन्य अस्पताल में शिफ्ट होना चाहता है तो वह अपनी सहमति देकर शिफ्ट हो सकेगा।
मरीज को कोई दवा लगती है तो वह अस्पताल के साथ ही बाहर से भी ले सकेगा, अस्पताल प्रबंधन अस्पताल से ही दवा लेने के लिए बाध्य नहीं कर सकेगा।