जानलेवा साबित हो रही है क्योटी रपटा की खराब सड़क

Deepak Tiwari 
पीसीसी रोड बनवाए जाने की मांग

  सिरमौर से क टरा जाने वाली मुख्य सड़क जोकि  कई मार्गों को जोड़कर लोगों के आवागमन  को सरल बनाती है इस सड़क  के माध्यम से लोग जहां सिरमौर से लालगांव बाया कटरा होते हुए प्रयागराज का मार्ग प्रशस्त करते हैं वही कटरा से रीवा के लिए भी आवागमन होता है ठीक  इसी प्रकार यह रोड क्योटी से बैकुंठपुर होते हुए रीवा को भी जोड़ती है किंतु बीते तीन-चार वर्षों से क्योटी के पास बने रपटा की पूरी डामरीकृत रोड पानी के बहाव के कारण बह चुकी है जहां गड्ढे के अलावा कुछ नहीं बचा है लगभग डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर यह रोड इतनी खराब है कि गड्ढे के अलावा कुछ भी नजर नहीं आता है इस डेढ़ किलोमीटर की दूरी को पार करने में ही वाहनों को अत्यधिक समय लगता है जरा सी भी सावधानी में अगर चूक हुई तो दुर्घटना से इनकार नहीं किया जा सकता जिसका ताजा उदाहरण अभी हाल ही में पलटा हुआ ट्रक देखा जा सकता है समस्या इतनी ही नहीं है मुख्य मार्ग होने के कारण जहां यात्री वाहनों का आवागमन लगातार इस मार्ग से हो रहा है वही ओवरलोड ट्रक सैकड़ों की संख्या में इसी मार्ग से निकल रहे हैं जिसके कारण बरसात के दिनों में अक्सर जाम लग जाता है यहां तक कि जाम 2 से 3 दिनों तक खुलता ही नहीं है जिसके कारण स्थानीय लोगों के साथ साथ यात्री लोगों को भी विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है मालूम हो कि क्योटी जलप्रपात को देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में रोज यहां पर्यटक आ रहे हैं और प्रतिदिन इस खराब सड़क के कारण घटनाएं घटित हो रही हैं अब तक सैकड़ों लोगों ने अपने हाथ पर गवा चुके हैं यह सड़क एक जानलेवा सड़क साबित हो रही है कई घटना घटने के उपरांत भी शासन प्रशासन द्वारा आखिर इस डेढ़ किलोमीटर की खराब सड़क को बनवाने का कार्य क्यों नहीं कराया जा रहा है जबकि इस मार्ग से विधायक मंत्री एवं प्रशासनिक अधिकारी गुजर रहे हैं एवं रोड की दुर्दशा देख रहे हैं इसके बावजूद भी इस मार्ग की उपेक्षा क्यों की जा रही है यह एक प्रश्न चिन्ह बना हुआ है जबकि स्थानीय लोगों द्वारा आसपास के ग्राम पंचायतों के सरपंचों द्वारा कई बार जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों को आवेदन पत्रों के माध्यम से सूचित किया जा चुका है फिर भी इस खराब सड़क को बनवाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही है क्या शासन-प्रशासन किसी बड़ी दुर्घटना के इंतजार में है स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि अगर इस डेढ़ किलोमीटर के मार्ग को पीसीसी गुणवत्तापूर्ण सड़क निर्माण का कार्य कराया जाए तो निश्चित ही यह लंबे समय तक आवागमन के लिए उपायुक्त होगी