रक्षा मंत्री राजनाथ आज रवाना होंगे रूस, चीन को लेकर भी हो सकती है बात

  deepak tiwari 
 September 3, 2020

नई दिल्ली । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की एक महत्वपूर्ण बैठक में हिस्सा लेने के लिए आज रूस रवाना होंगे। यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब एससीओ के दो प्रमुख सदस्य भारत और चीन के बीच सीमा पर गतिरोध है। इस दौरान
इस संबंध में अधिकारियों से मिली जानकारी में बताया गया कि चार सितम्बर को होने वाली एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के अलावा राजनाथ सिंह रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू और कई अन्य शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ बातचीत करेंगे, जिसका उद्देश्य कई रक्षा खरीद कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में तेजी लाना है।
उन्होंने बताया कि राजनाथ सिंह पांच सितम्बर की शाम में मास्को से रवाना होंगे। चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंघे के एससीओ की बैठक में हिस्सा लेने की उम्मीद है। रक्षा मंत्री की यह यात्रा रूस में बहुपक्षीय युद्ध अभ्यास में हिस्सा लेने से भारत के पीछे हटने के कुछ दिन बाद हो रही है, जिसमें चीनी और पाकिस्तानी सैनिकों के भी हिस्सा लेने की उम्मीद है।
एससीओ बैठक के इतर राजनाथ सिंह और वेई के बीच द्विपक्षीय बैठक की संभावना के बारे में पूछे जाने पर सूत्रों ने कहा कि ऐसी कोई योजना नहीं है। एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक ऐसे समय हो रही है, जब चीन की सेना द्वारा पूर्वी लद्दाख में ”एकतरफा” तरीके से पैंगोंग सो के दक्षिणी तट पर यथास्थिति बदलने के असफल प्रयास के मद्देनजर भारत और चीन के बीच ताजा तनाव उत्पन्न हो गया है। वहीं, बताया जा रहा है कि इस चर्चा के दौरान चीन का जिक्र सामने आ सकता है और उसे लेकर भी कुछ चर्चा होनासंभव है।
उल्‍लेखनीय है कि इसी साल जून के बाद राजनाथ सिंह की यह दूसरी मास्को यात्रा होगी। उन्होंने 24 जून को मास्को में विजय दिवस परेड में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। विजय दिवस परेड का आयोजन द्वितीय विश्वयुद्ध में नाजी जर्मनी पर सोवियत विजय की 75 वीं वर्षगांठ पर किया गया था। उम्मीद है कि रूसी रक्षा मंत्री शोइगू के साथ अपनी द्विपक्षीय बैठक में सिंह रक्षा अनुबंधों के तहत भारतीय सशस्त्र बलों को विभिन्न हथियारों और कलपूर्जों की जल्द आपूर्ति के लिए दबाव डालेंगे।
अधिकारियों ने कहा कि राजनाथ सिंह रूसी पक्ष से भारत को एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणालियों की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अनुरोध करेंगे। भारत को एस-400 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली के पहले खेप की आपूर्ति 2021 के अंत तक निर्धारित है।