भोपाल में लॉकडाउन पर कलेक्टर ने कहा अभी लॉकडाउन पर कोई विचार नहीं अफवाहों पर न दे ध्यान

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भोपाल.भोपाल में लगातार बढ़ रहे कोरोना केस के कारण लोगों में एक बार फिर लॉकडाउन को लेकर अफवाहों का दौर चलने लगा है। ऐसे में गुरुवार सुबह भोपाल कलेक्टर ने एक बयान जारी कर साफ कर दिया कि किसी तरह का कोई लॉकडाउन नहीं लगाया जा रहा है। आम लोग अफवाहों पर ध्यान न दें। रेस्टोरेंट और मेडिकल स्टोर को छोड़कर बाकी दुकानें 8 बजे के बाद बंद हो जाएंगी। प्रशासन ने सारे नियम और गाइडलाइन तय कर दी है।उन्हीं के अनुसार हमें चलना है। प्रशासन का ध्यान अभी सोशल डिस्टेंसिंग और उसके पालन कराने को लेकर है।कलेक्टर का कहना था कि लोग घर से निकलते समय मास्क का उपयोग करें। किसी से भी बात करते या मिलते समय निश्चित दूरी जरूर रखें। इसके अलावा सुबह घर से निकलने से लेकर रात तक घर पहुंचने तक और स्कूल के लिए भी गाइडलाइन तय है।
इसके अनुसार चलना है...
आम गाइडलाइन
सभी लोगों को घर के बाहर मास्क लगाना अनिवार्य है। साथ में सैनिटाइजर की व्यवस्था भी वह अपने साथ लेकर चलें।
किसी से भी मिलते या बात करते समय एक निश्चित दूरी बनाकर रखें।
भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। बिना किसी कारण के घूमने-फिरने से बचें।
रात 10:30 बजे के बाद सिर्फ जरूरत पड़ने पर और मेडिकल संबंधी समस्या होने पर ही घर से निकल सकते हैं।
बिना किसी कारण घर से निकलने वालों पर शासन द्वारा कार्रवाई की जाएगी।
आम लोगों के लिए घर के बाहर मास्क लगाना अनिवार्य है।
कारोबार के लिए गाइडलाइन
भोपाल में अभी सिर्फ सिनेमा हॉल, स्विमिंग पूल, एंटरटेनमेंट पार्क और थिएटर बंद रखे गए हैं।
धार्मिक स्थालों पर 5 से ज्यादा लोग जमा नहीं हो सकते।
खाने-पीने और मेडिकल सेवाओं को छोड़कर सब-कुछ रात 8 बजे बंद होगा।
रेस्टोरेंट में भी खाने-पीने से मतलब उनके पास बैठने की पर्याप्त व्यवस्था रहनी चाहिए।
व्यापारियों को दुकान के सामने 1 गज की दूरी पर रस्सी बांधना जरूरी।
इससे ग्राहक और व्यापारी का सीधा संपर्क ना रह सके।
दुकान पर अतिरिक्त मास्क रखना अनिवार्य है और साथ ही सैनिटाइजर की व्यवस्था भी करना व्यापारी की जिम्मेदारी है।
कोई भी व्यापारी सामान को दुकान के बाहर डिस्प्ले नहीं कर सकता है।
दुकान पर ना तो भीड़ लगाई जा सकती है और ना ही बिना मास्क किसी को सामान दिया जाएगा।
नियम तोड़ने पर अर्थ दंड लगाने के साथ ही सजा और आपराधिक मामला भी दर्ज किया जाएगा।
सार्वजनिक और धार्मिक कार्यक्रम
सभी तरह के सार्वजनिक कार्यक्रम जैसे धार्मिक, सामाजिक और निजी के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।
इन कार्यक्रमों में लोगों की संख्या से लेकर जगह तक तय है।
किसी भी सामाजिक, धार्मिक व निजी कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए अनुमति लेना आवश्यक है।
इसमें 100 से अधिक लोग शामिल नहीं हो सकते हैं। साथ ही लोगों की संख्या के अनुसार ही जगह होनी जरूरी है।
सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना आयोजक की जिम्मेदारी है।
धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन में प्रतिमाओं की ऊंचाई 6 फीट से ज्यादा नहीं हो सकती है।
पंडाल आदि भी 10 बाई 10 की जगह में ही लग सकते हैं।
सार्वजनिक तौर पर इन में किसी तरह का कोई कार्यक्रम नहीं होगा। लाउडस्पीकर नहीं बजाए जा सकते हैं।
सभी तरह के चल समारोह पर भी रोक है।
धार्मिक स्थलों में एक बार में 5 व्यक्ति ही हो सकते हैं। सैनिटाइजर और मास्क की व्यवस्था भी करना अनिनवार्य।
सोमवार से स्कूलों में शिक्षा विभाग द्वारा जारी निर्देश के बाद स्कूल आने दिया जा रहा है।
सोमवार से स्कूलों में शिक्षा विभाग द्वारा जारी निर्देश के बाद स्कूल आने दिया जा रहा है।
स्कूलों-कॉलेज के लिए गाइडलाइन
स्कूल खोले गए हैं, लेकिन सिर्फ डाउट क्लियर करने के लिए ही छात्र आ सकते हैं।
स्कूल में शिक्षक और कर्मचारियों की संख्या भी 50% तय की गई है।
ऑनलाइन क्लास के दौरान अगर किसी छात्र को कोई डाउट होता है तो वह संबंधित टीचर से इसकी जानकारी देकर स्कूल आने का समय तय करेगा।
स्कूल प्रिंसिपल और टीचर मिलकर एक निर्धारित समय पर छात्र को पालक की अनुमति से आने का समय देंगे।
स्कूल में छात्र का पहले शरीर का तापमान की जांच की जाएगी।
उसके कपड़ों से लेकर जूते और कॉपी किताब तक को सैनिटाइज करने की प्रक्रिया होगी।
उसे क्लास में निर्धारित स्थान पर बैठाया जाएगा। सोशल डिस्टेंसिंग के कारण एक सीट छोड़कर छात्रों को बैठने की व्यवस्था की जाएगी
क्लास में ना तो छात्र तेज बोल सकते हैं और ना ही चिल्ला सकते हैं।
मास्क लगाए रहना जरूरी है।
खुद की व्यवस्था करके छात्र को स्कूल पहुंचना होगा।
स्कूल परिसर में केवल छात्र को ही प्रवेश की अनुमति रहेगी।
कॉलेज और शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे
कॉलेज सिर्फ एडमिशन प्रक्रिया के लिए खोले गए हैं। इसमें अभी क्लास नहीं लगाई जा रही हैं। इसी तरह कोचिंग और अन्य शैक्षणिक संस्थान पूरी तरह बंद हैं।
नोट : यह निर्देश आगामी आदेश तक प्रभावी रहेंगे। अगर इनमें किसी तरह का कोई बदलाव किया जाता है, तो शासन द्वारा पहले इसकी जानकारी दी जाएगी। उसके बाद ही अगले निर्देशों का लागू किया जाएगा।