रेल टिकट की तरह माल का भी रिजर्वेशन होगा deepak tiwari

रेल टिकट की तरह माल का भी रिजर्वेशन होगा अब एडवांस में सिर्फ 10% शुल्क जमा कर मनचाही ट्रेन से भेज सकेंगे सामान; समय पर और सुरक्षित सामान पहुंचाने की कवायद
रेलवे ने भी अब समय पर माल पहुंचाने के लिए पहल शुरू कर दी है। टिकट के रिजर्वेशन की तरह ही सामान की बुकिंग भी 120 दिन पहले शुरू हो जाएगी। ऐसे में पार्सल व्यापारी अपनी जरूरत के अनुसार ट्रेन और सामान पहुंचाने का दिन तय कर पाएंगे। यह टिकट बुकिंग की तरह ही होगा। इससे जहां सामान समय पर पहुंच पाएगा, वहीं स्टेशन पर सामान पड़े रहने और किसी दूसरी जगह पहुंचने की शिकायतों में भी कमी आएगी।
मनचाही ट्रेन में बुकिंग करने से माल समय पर पहुंच सकेगा।
मनपसंद गाड़ी का चयन कर सकते हैं
रेलवे ने एडवांस में पार्सल स्पेस बुक कराए जाने की सुविधा शुरू कर दी है। जरूरी सामान जैसे खाद्यान्न, कोयला, पीओएल, दूध, सब्जियां आदि की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए मालगाड़ियों के साथ-साथ रोजमर्रा की वस्तुओं की आपूर्ति के लिए पार्सल एक्सप्रेस गाड़ियों का परिचालन जारी है। इसके तहत व्यापारी अपना सामान भेजने के लिए स्पेशल यात्री गाड़ियों के एसएलआर और पार्सल एक्सप्रेस गाड़ियों में उपलब्ध स्थान की एडवांस बुकिंग करा सकते हैं। इस सुविधा के तहत व्यापारी जिस गाड़ी से अपना सामान भेजना चाहेंगे, उसी गाड़ी से उनका सामान भेजा जाएगा। इससे व्यापारियों के सामान का परिवहन समय से और सुरक्षित हो सकेगा। इस सुविधा के तहत पार्सल वान भी बुक किए जा सकते हैं।
यह करना होगा
संबंधित स्टेशन के मुख्य पार्सल पर्यवेक्षक से संपर्क करना होगा। किसी भी स्पेशल ट्रेन या पार्सल एक्सप्रेस में पार्सल स्थान की एडवांस बुकिंग गाड़ी के प्रस्थान तिथि से 120 दिन पहले शुरू हो जाएगी। कुल पार्सल भाड़े का 10% राशि आवेदन के साथ जमा करना होगा। शेष 90% राशि संबंधित स्टेशन पर गाड़ी के निर्धारित समय से 72 घंटे पहले तक जमा करना होगा। इसके अतिरिक्त पार्सल कार्गो स्पेशल ट्रेन का भी संचालन व्यापारियों की मांग के अनुसार किया जा सकता है। उदाहरण के लिए व्यापारी की मांग पर भोपाल से हावड़ा वाया इटारसी-जबलपुर-रायपुर होते हुए कार्गो स्पेशल ट्रेन का संचालन किया जा सकता है।
अभी यह व्यवस्था
रेलवे में अभी पार्सल बुक कर दिया जाता है। इसके बाद ट्रेन की उपलब्धता के अनुसार माल को ट्रेनों से भेजा जाता है। इससे कई बार ट्रेन नहीं होने या समय पर सामान नहीं रख पाने के कारण स्टेशन पर ही सामान पड़ा रहता है। कई बार तो एक स्टेशन पर सामान नहीं उतर पाने के कारण वह दूसरे ट्रेन से कहीं और पहुंच जाता है। इससे लोगों को परेशान होना पड़ता है। नई व्यवस्था से यह परेशानियां दूर होने की आशंका कम होगी।