कानपुर का नन्हा स्पाइडर मैन है यह बच्चा:deepak tiwari

कानपुर.उत्तर प्रदेश के कानपुर में दादानगर कॉलोनी में रहने वाला सात साल का यथार्थ इन दिनों अपने कारनामे के कारण सुर्खियों में है। वह पलक झपकते ही 7 से 8 फीट दीवार पर चढ़ जाता है। छिपकली की मानिंद वह अपने पैरों को दीवारों को जमा लेता है। इस अनोखी कला के लिए स्कूल और आसपास के लोग उसे 'नन्हा स्पाइडर मैन' कहकर बुलाते हैं। एक माह के भीतर उसके भाई के फेसबुक अकाउंट पर यथार्थ के वीडियो को 5 लाख से अधिक लोग देख चुके हैं।
स्पाइडर मैन की मूवी देखकर दीवारों पर चढ़ना सीखा
दादा नगर कॉलोनी में शैलेंद्र सिंह, पत्नी गरिमा व दो बेटों के साथ रहते हैं। बड़े बेटे का नाम कार्तिकेय और छोटे का नाम यथार्थ है। छोटा बेटा यथार्थ मात्र 8 वर्ष का है और वह कक्षा 3 में पढ़ता है। यथार्थ स्पाइडर मैन को अपना रियल हीरो मानता है। उसने स्पाइडर मैन की मूवी को देखकर दीवारों पर चढ़ने का प्रयास किया। कभी वह गिरता तो कभी उसे चोट लगती। लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी। एक दिन वह दीवार पर चढ़ने में सफल हो गया। अब वह तेजी के साथ 10 फीट की दीवार पर चढ़ने व उतरने लगा है।
एक दिन दीवार पर चढ़ते हुए उसके बड़े भाई कार्तिकेय ने देख लिया और घर में मौजूद मां गरिमा को इसकी जानकारी दी। मां गरिमा ने यह चिंता सताने लगी कि कहीं यथार्थ को चोट न लग जाए। इसलिए उसकी इस हरकत की शिकायत उसके पिता शैलेंद्र से कर दी। पिता शैलेंद्र ने भी यथार्थ को समझा-बुझाकर दीवाल पर चढ़ने से मना किया। लेकिन फिर भी यथार्थ स्पाइडर मैन की तरह दीवार पर चढ़ना बंद नहीं किया।एक दिन यथार्थ ने अपने भाई की मदद से फेसबुक आईडी बनाई और उस पर दीवार पर चढ़ते हुए का वीडियो बनाकर अपलोड कर दिया। जिसे एक महीने में 5,40,000 लोगों ने देखा है। एक लाख एक हजार लाइक व एक लाख कमेंट आए। यह देख घरवाले हैरान हो गए और उसका यह वीडियो धीरे-धीरे पूरे कानपुर शहर में फेमस हो गया और उस स्कूल में टीचर और बच्चे उसे कानपुर का नन्हा स्पाइडर मैन कहकर बुलाने लगे हैं।
आईपीएस बनना चाहता है नन्हा स्पाइडर मैन
नन्हा स्पाइडर मैन यथार्थ अपनी इस कला को लेकर बेहद खुश है। वह कहता है मुझे बहुत अच्छा लगता है, जब स्कूल में लोग मुझे स्पाइडर मैन के नाम से पुकारते हैं। लेकिन बड़े होकर आईपीएस अधिकारी बनना चाहता हूं। उसे भी स्पाइडर मैन की तरह लोगों की व देश सेवा करनी है।
अब खुशी महसूस होती है, उसके सपने हों साकार, करेंगे हर संभव मदद
मां गरिमा सिंह ने बताया कि जब मुझे इसकी जानकारी हुई कि है दीवार पर चढ़ता है तो मैं डर गई थी मैंने उसको डांट कर मना भी किया था। इसकी शिकायत भी मैंने यथार्थ के पिताजी से की थी। उन्होंने भी उसको समझाया। लेकिन यह दीवार पर चढ़ना बंद नहीं किया। लेकिन आज स्कूल में इसे मोहल्ले के लोग नन्हा स्पाइडर मैन के नाम से बुलाते हैं तो मुझे भी बेहद खुशी होती है। उन्होंने कहा कि वह जो भी पढ़ना चाहता है या वह आईपीएस बनना चाहता है, हम उसे वह सब कुछ देंगे। जिससे कि वह अपना सपना पूरा कर सके।