58 वर्षों बाद इस नवरात्रि बन रहा है यह दुर्लभ योग -आचार्य प्राण गुरू जी

नई दिल्ली :देवी भगवती की व‍िशेष पूजा और अर्चना का पर्व शारदीय नवरात्रि 17 अक्‍टूबर दिन शनिवार यानी क‍ि कल से शुरू हो रहा है। यह पर्व 25 अक्टूबर तक चलेगा। 9 दिन मां भगवती की भक्ति से पूरा वातावरण भक्तिमय हो जाएगा। बता दें क‍ि इस बार की शारदीय नवरात्रि अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण है क्‍योंक‍ि इस बार पूरे 58 वर्षों के बाद शनि, मकर में और गुरु, धनु राशि में रहेंगे। इससे पहले यह योग वर्ष 1962 में बना था। तो आइए जानते हैं कलश स्‍थापना का शुभ मुहूर्त, नवरात्र के नौ द‍िन होने वाले मां के अलग-अलग स्‍वरूप, नौ द‍िनों के नौ रंग खास और नौ द‍िनों के भोग व‍िशेष क्‍या हैं?

2/5शारदीय नवरात्रि का शुभ मुहूर्त

इस बार का शारदीय नवरात्रि आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि यानी क‍ि 17 अक्टूबर को पड़ रही है। इसी द‍िन कलश स्‍थापना होगी। कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 27 मिनट से शुरू होकर 10 बजकर 13 मिनट तक है। इसके बाद अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 44 मिनट से शुरू होकर 12 बजकर 29 मिनट तक है।
ऐसे हुई थी शारदीय नवरात्रि की शुरुआत जानिए पौराणिक कथा

3/5जानें कौन से द‍िन होगी देवी के क‍िस रूप की पूजा



मां शैलपुत्री पूजा घटस्थापना : 17 अक्टूबर

मां ब्रह्मचारिणी पूजा : 18 अक्टूबर

मां चंद्रघंटा पूजा : 19 अक्टूबर

मां कुष्मांडा पूजा : 20 अक्टूबर

मां स्कंदमाता पूजा : 21 अक्टूबर

षष्ठी मां कात्यायनी पूजा : 22 अक्टूबर

मां कालरात्रि पूजा : 23 अक्टूबर

मां महागौरी दुर्गा पूजा : 24 अक्टूबर

मां सिद्धिदात्री पूजा : 25 अक्टूबर

4/5नवरात्रि के ये 9 रंग हैं खास, इन्‍हें धारण करके करें पूजा



देवी शैलपुत्री: देवी मां के इस स्‍वरूप को पीला रंग अत्‍यंत प्र‍िय है। इसल‍िए इस द‍िन पीला रंग पहनना शुभ माना जाता है।

देवी ब्रह्मचारिणी: देवी ब्रह्मचारिणी को हरा रंग अत्‍यंत प्र‍िय है। इसल‍िए नवरात्रि के दूसरे दिन हरे रंग का वस्‍त्र धारण करें।

देवी चंद्रघंटा: देवी चंद्रघंटा को प्रसन्‍न करने के ल‍िए नवरात्रि के तीसरे दिन हल्का भूरा रंग पहनें।

देवी कूष्माण्डा: देवी कूष्‍मांडा को संतरी रंग प्र‍िय है। इसल‍िए नवरात्रि के चौथे दिन संतरी रंग के कपड़े पहनें।

देवी स्कंदमाता: देवी स्‍कंदमाता को सफेद रंग अत्‍यंत प्र‍िय है। इसल‍िए नवरात्रि के पांचवे द‍िन सफेद रंग के वस्‍त्र पहनें।

देवी कात्यायनी: देवी मां के इस स्‍वरूप को लाल रंग अत्‍यंत प्रिय है। इसल‍िए इस द‍िन मां की पूजा करते समय लाल रंग का वस्‍त्र पहनें।

देवी कालरात्रि: भगवती मां के इस स्‍वरूप को नीला रंग अत्‍यंत प्र‍िय है। इसल‍िए नवरात्रि के सातवें द‍िन नीले रंग के वस्‍त्र पहनकर मां की पूजा-अर्चना की जानी चाह‍िए।

देवी महागौरी: देवी महागौरी की पूजा करते समय गुलाबी रंग पहनना शुभ माना जाता है। अष्टमी की पूजा और कन्या भोज करवाते इसी रंग को पहनें।

देवी सिद्धिदात्री: देवी मां के इस स्‍वरूप को बैंगनी रंग अत्‍यंत प्रिय है। इसल‍िए नवमी त‍िथ‍ि के द‍िन भगवती की पूजा करते समय बैंगनी रंग के वस्‍त्र पहनने चाह‍िए।

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5/5देवी मइया को लगाएं ये भोग, होंगी पूरी मुरादें



नवरात्रि के पहले दिन मां के चरणों में गाय का शुद्ध घी अर्पित करें। ऐसा करने से आरोग्य का आशीर्वाद मिलता है।

नवरात्रि के दूसरे दिन मां को शक्‍कर का भोग लगाकर घर के सभी सदस्यों में बांटें। इससे आयु वृद्धि होती है।

नवरात्रि के तीसरे दिन देवी भगवती को दूध या खीर का भोग लगाएं। इसके बाद इसे ब्राह्मणों को दान कर दें। ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है।

नवरात्रि के चौथे दिन देवी मां को मालपुए का भोग लगाएं। इसके बाद इसे जरूरतमंदों को दान कर दें। ऐसा करने से व्‍यक्ति की बौद्धिक क्षमता का व‍िकास होता है।

नवरात्रि के पांचवें दिन मां को केले का भोग अर्पित करें। ऐसा करने से जातक न‍िरोगी रहता है।

नवरात्रि के छठवें द‍िन मां भगवती को शहद का भोग लगाएं। मान्‍यता है क‍ि ऐसा करने से आकर्षण भाव में वृद्धि होती है।

नवरात्रि के सातवें द‍िन देवी मां गुड़ का भोग लगाएं। इसके बाद यह भोग न‍िराश्रितजनों और दिव्‍यांगों को बांट दें। ऐसा करने से देवी मां प्रसन्‍न होती हैं और ऐश्‍वर्य-वैभव की प्राप्ति होती है।

नवरात्रि के आठवें दिन माता भगवती को नारियल का भोग लगाकर वह नारियल दान कर दें। मान्‍यता है क‍ि ऐसा करने से संतान संबंधी सभी परेशानियों से राहत म‍िलती है

नवरात्रि के नवें द‍िन देवी भगवती को त‍िल का भोग लगाएं। इसके बाद यह भोग क‍िसी ब्राह्मण या जरूरतमंद को दान कर दें। इससे अकाल मृत्‍यु से राहत म‍िलती है।