मध्यप्रदेश रीवा की माटी ने भारत-पाकिस्तान सीमा पर अपना एक और लाल खोयाdeepak tiwari


रीवा।  गरोडा बार्डर में गोली लगने से रीवा के लाल का निधन हो गया है। इस खबर के बाद रीवा के लक्ष्मणपुर क्षेत्र में शोक की लहर है। हालांकि गोली कैसे और किन परिस्थितियों में लगी इसकी सटीक जानकारी नहीं हो पाई है। इससे भी दुखद ये है कि जवान का पार्थिव शरीर उनके गृह ग्राम नहीं आ रहा है। सेना के अधिकारियों ने उनके कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि की है। अंतिम दर्शन के लिए परिवार के कुछ सदस्यों को जम्मू बुलाया गया है। बताया गया कि जिला मुख्यालय से करीब दस किलो मीटर दूर स्थित गड्डी लक्ष्मणपुर गांव के सिकटी टोला निवासी चक्रपाणि तिवारी 55 वर्ष बीएसएफ में सेवा दे रहे थे। जो सूबेदार के पद पर थे। इनकी वर्तमान पोस्टिंग भारत-पॉक सीमा के जम्मू-कश्मीर के गरोड़ा बार्डर पर थी। बुधवार की सुबह उनके पुत्र हाटकेश्वर तिवारी उर्फ राजाबाबू के पास सेना के जिम्मेदारों ने फोन किया और बताया कि उनके पिता की गोली लगने से निधन हो गया है।
सेना के अधिकारियों ने फोन पर यह जानकारी दी कि चक्रपाणि ने खुद को गोली मार कर सुसाइड कर लिया है। लेकिन यह बात परिजनों के गले से नहीं उतर रही है। पुत्र राजाबाबू ने बताया कि 29 सितंबर की दोपहर फोन पर पिता से बात हुई थी। इस दौरान वह बेहद खुश थे। उन्होंने फोन पर यह जरूर बताया था कि क्वार्टर मास्टर से उनकी बातचीत हो गई है। इस बात से वह परेशान थे, लेकिन वे सुसाइट नहीं कर सकते। बहरहाल इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में शोक व्याप्त है। जवान के घर में ढाढ़स बंधाने वाले लोगों का तांता लगा हुआ है।

38 वर्ष से सेना में दे रहे थे सेवा

परिजनों के अनुसार चक्रपाणि तिवारी करीब 38 वर्षों से सेना में अपनी सेवा दे रहे थे। सिपाही से उनकी भर्ती हुई थी। उनके कामों को देखते हुए प्रमोशन हुआ और वह वर्तमान में सूबेदार थे। लिहाजा उन्हें गरोड़ा बार्डर में सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई थी। उनका बड़ा पुत्र जीतेन्द्र तिवारी भी बीएसएफ में है। वर्तमान में उनकी पोस्टिंग उड़ीसा के किशनपुर में है। जहां से वह रीवा के लिए रवाना हो चुके हैं। इसके बाद शुक्रवार को परिजन जम्मू के लिए रवाना होंगे।

गुरुवार की सुबह रिपोर्ट आई पॉजिटिव
जानकारी देते हुए मृत जवान के पुत्र ने बताया कि बुधवार को जब सेना की तरफ से उन्हें फोन पर निधन की सूचना दी गई उस दौरान कहा गया था कि दो दिन के भीतर उनका पार्थिव शरीर गृह ग्राम पहुंच जाएगा। लेकिन इस बीच परिजनों ने सुसाइट मानने से इंकार कर दिया और उच्चाधिकारियों से घटना की शिकायत करने की बात कही। पुत्र ने बताया कि इसके बाद ही सेना की तरफ से कुछ देर बाद दोबारा फोन आया और उन्होंने बताया कि चक्रपाणि की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है। जिससे शव गृह ग्राम नहीं भेजा जा सकता। लिहाजा परिवार के कुछ सदस्य दो-तीन दिन के भीतर उनका अंतिम दर्शन करने जम्मू आ जाएं।
मौत से 9 घंटे पहले हुई आखिरी बात
पुत्र राजाबाबू के अनुसार उनके पिता ने 29 सितंबर की दोपहर करीब 12 बजे फोन किया था। इस दौरान उन्होंने घर-परिवार का हाल चाल पूछा था। इस बीच उन्होंने छोटी कार बेच कर बड़ी कार लेने की बात कही थी। पुत्र ने बताया कि वह बेहद खुश थे और किसी भी तरह के मानसिक तनाव में नहीं थे। ऐसे में पुत्र ने सवाल उठाया है कि इस परिस्थिति में उनके पिता सुसाइड कैसे कर सकते हैं।