महिलाओं के लिए एक महिला का प्रयास:deepak tiwari

महिलाओं के लिए एक महिला का प्रयास:deepak tiwari यमन की उम फेराज ने शुरू किया पहला फीमेल कैफे, वे अपनी कोशिश से महिलाओं के लिए बिजनेस के मायने बदलना चाहती हैं
जब उम फेराज को यह लगा कि यमन में ऐसी कोई जगह नहीं है जहां महिलाएं फुर्सत के पल बिता सकें तो उसने खुद अपने कैफे की शुरुआत की। वह अपने काम के जरिये महिलाओं के लिए बिजनेस के मायने बदलना चाहती हैं। वे कहती हैं ''महिलाओं के लिए यमन में कोई ऐसी जगह नहीं है जहां वे आराम से बैठकर अपना वक्त बिता सकें। महिलाओं की सुविधा का ख्याल रखते हुए मैंने अपने कैफे में फीमेल एम्प्लॉइज की रखे हैं''। उम फेराज के इस कैफे का नाम 'मॉर्निंग आइकन कैफे' है जो सेंट्रल यमन के मरीब में बना है।
फेराज कहती हैं ''मैंने ये बिजनेस यमन के रूढ़ीवादी लोगों के खिलाफ जाकर शुरू किया है। यहां के कुछ लोग मेरे इस काम से बिल्कुल खुश नहीं हैं। उन्हें ये अजीब लगता है''। हालांकि वे ये भी जानती हैं कि हर नए काम को लेकर लोगों की अलग-अलग राय होती है। वे अपनी मेहनत के बल पर यह साबित करना चाहती हैं कि एक महिला भी सफलता के साथ बिजनेस कर सकती है।
कैफे में आने वाली एक कस्टमर वादद जो मेडिकल स्टूडेंट भी हैं, यहां के बारे में बताती हैं - ''मरीब एक ऐसा क्षेत्र हैं जहां इंटरनेट कनेक्शन नहीं है। लेकिन इस कैफे में इंटरनेट की सुविधा आसानी से मिल जाती है। फीमेल स्टूडेंट्स के लिए यह एक बेहतरीन जगह है''। पिछले कुछ सालों से यमन के खराब हालातों की वजह से यहां आए दिन हिंसा की वारदातें होती हैं। इसी बीच महामारी और आर्थिक तंगी के चलत यहां कैफे की शुरुआत करना फराज के लिए आसान नहीं था।
सामान की बढ़ती हुई कीमत के चलते उम फेराज के लिए कैफे में मिलने वाले प्रोडक्ट की क्वालिटी मेंटेन करना भी किसी चुनौती से कम नहीं है। लेकिन इन चुनौतियों को स्वीकार करते हुए भी वह अपने कैफे को महिलाओं और बच्चों की खातिर डेवलप करना चाहती हैं।