किसान विरोधी कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पर चल रहे किसान आंदोलन में सीटू कार्यकर्ताओं ने लिया हिस्सा- गंगेश्वर दत्त शर्मा

रामजी पांडे/नोएडा, किसान विरोधी तीनों काले कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पर अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर देश भर में चल रहे किसान आन्दोलन के 22 वें दिन शुक्रवार 18 दिसंबर 2020 को सीटू जिलाध्यक्ष गंगेश्वर दत्त शर्मा, सीटू नेता भरत डेंजर, भीखू प्रसाद के नेतृत्व में सीटू जिला कमेटी गौतम बुध नगर के दर्जनों कार्यकर्ताओं ने दिल्ली गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के धरना प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
इस अवसर पर अखिल भारतीय किसान सभा के वरिष्ठ नेता डीपी सिंह, चंद्रपाल सिंह, मेघराज सोलंकी सीटू नेता गंगेश्वर दत्त शर्मा ने कहा कि ये काले कानून किसानों के हित में कतई भी नहीं है। इन तीनों कानूनों को उदारीकरण की नीतियों को आगे बढ़ाते हुए सरकार ने किसानों पर हमला किया है। सरकार को किसानों की और आम जनता की समस्याओं से कुछ लेना-देना नहीं है, वह सब कुछ देशी-विदेशी पूंजीपतियों और धन्ना सेठों की मदद करना चाहती है उनके मुनाफे को बढ़ाना चाहती है, इसी मंशा से यह किसान विरोधी कानून लाए गए हैं। यह तीनों कानून किसानों से उनकी आजादी छीन लेना चाहते हैं, उनको पूंजीपतियों का गुलाम बना देना चाहते हैं। ये कानून पूंजीपतियों के रास्ते में आने वाली सारी अड़चनों को खत्म कर देना चाहते हैं और पूरे देश में उन्हें मुनाफा कमाने और जनता को लूटने का मौका देते हैं, दूसरे अभी तक भंडारण की सीमा को खत्म करके पूंजीपतियों को मौका देते हैं कि वह चाहे जितने अनाज की जमाखोरी कर सकते हैं ताकि समय आने पर भरपूर मुनाफा कमा सकें और तीसरे यह कानून किसान से उसकी आजादी छीन लेना चाहते हैं कि वह अपनी पसंद का पसंद की फसल पैदा न कर सके। अब उनको पूंजीपतियों के कहने पर फसल उगानी होगी और इस तरह से  किसानों को पूरी तरह से देशी विदेशी पूंजी पतियों के रहमों करम पर छोड़ दिया गया है। चौथे सरकार किसानों को सरकारी अमले एसडीएम और डीएम के हवाले कर देना चाहते हैं और उनके लिए सिविल कोर्ट के सारे दरवाजे बंद कर देना चाहते हैं इन कानून के लागू होने से किसान सिविल कोर्ट में नहीं जा सकते बल्कि उन्हें सरकारी अधिकारियों के रहमों करम पर जीना होगा।इस तरह हम देखते हैं कि ये तीनों कानून पूर्ण रूप से किसानों के, जनता के, मेहनतकशों के खिलाफ हैं उन्होंने कहा कि जब तक सरकार हमारी मांग को नहीं मानेगी हमारा आंदोलन जारी रहेगा। मजदूर नेता गंगेश्वर दत्त शर्मा ने कहा कि किसानों की लड़ाई में मजदूर/ मेहनतकश आवाम किसानों के साथ है।