निर्धन परिवार की कन्याओं के विवाह में करें सहयोग जन्मजन्मांतरों तक पाएं पवित्रता tni

बदायंू: गायत्री शक्तिपीठ एवं आध्यात्मिक चेतना केंद्र पर सात फेरों के बंधन में बंधने के बाद नवयुगल ने धरती माता को प्रणाम कर मां गायत्री, युगऋषि वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पं श्रीराम शर्मा आचार्य और वंदनीया माता भगवती देवी शर्मा का पूजन किया। पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया।
गायत्री शक्तिपीठ एवं आध्यात्मिक चेतना केंद्र पर उझानी के अहिर टोला निवासी राकेश वर्मा के पुत्र रोहित वर्मा और अलापुर निवासी प्रवेंद्र वर्मा की पुत्री नेहा वर्मा के साथ संपन्न हुआ। नवयुगल ने पर्यावरण की शुद्धता, अपने वैवाहिक जीवन और भावीपीढ़ी की खुशहाली के लिए गायत्री शक्तिपीठ पर मुख्य दीप प्रज्ज्वलित किया।
गायत्री शक्तिपीठ के परिब्राजक सचिन देव ने वेदमंत्रोंच्चारण कर आदर्श विवाह संस्कार को संम्पन्न कराया। कृष्ण पाल सिंह उपचार्य रहे। मातृशक्ति माया सक्सेना ने पूजन कराया। 
गायत्री परिजन उदयभान गुप्ता ने बताया कि देवप्रबोधिनी एकादशी पर आयोजित इस विवाह समारोह में आत्मीय परिजनों ने कन्यादान लिया। नवयुगल को उपहार भेंट किए। उन्होंने कहा कन्यादान ही महादान है। निर्धन परिवारों की कन्याओं के विवाह में सहयोग कर जन्मजन्मांतरों तक पवित्रता अर्जित करने का सौभाग्य प्राप्त होता है।
नवयुगल दंपति को उपजोन समंवयक डीपी सिंह, अनिल प्रकाश गुप्ता, शिवंवदा सिंह, रघुनाथ सिंह ने शुभकामनाएं और पुष्प वर्षा कर आशीर्वाद दिया।
गायत्री परिवार के संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि विवाह मानव समाज की महत्वपूर्ण व्यवस्था और दो आत्माओं का पवित्र बंधन है। प्राचीनकाल में सामाजिक नेता श्वेतकेतु ने विवाह प्रणाली की स्थापना की तभी से वर्तमान कुटंुब व्यवस्था का श्री गणेश हुआ। वैवाहिक जीवन का अलौकिक आनंद पाने के लिए अपने व्यक्तित्व को ऋषियों और मनीषियों द्वारा प्रदत्त श्रेष्ठ संस्कारों से सींचें। इस मौके पर सावित्री, राजेश्वरी, प्रज्ञा, प्रीति, रमन देव आदि मौजूद रहे।