चुनावी राज्यों में BJP का खेल बिगाड़ने जाएंगे किसान नेता

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नई दिल्ली.नए कृषि कानूनों के खिलाफ 3 महीने से ज्यादा वक्त से आंदोलन कर रहे किसान संगठनों ने अब चुनावी राज्यों में BJP का खेल बिगाड़ने का फैसला लिया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने मंगलवार को सिंघु बॉर्डर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि वह किसान नेताओं को चुनाव वाले राज्यों में भेजेगा, ताकि वहां के किसानों से भाजपा को हराने की अपील की जा सके।
इसके अलावा आंदोलन के 100 दिन पूरे होने पर किसान 6 मार्च को कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे को भी जाम करेंगे। 8 मार्च को महिला दिवस पर महिला प्रदर्शनकारी दिल्ली की सीमाओं सहित दूसरी जगहों पर प्रदर्शन का नेतृत्व करेंगी।
12 मार्च को कोलकाता में रैली
किसान मोर्चा के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि एक्सप्रेसवे को 5 घंटे के लिए अलग-अलग जगह जाम किया जाएगा। संगठन के नेता 12 मार्च को कोलकाता में एक रैली करेंगे। यादव ने कहा कि हमारे नेता कर्नाटक भी जाएंगे। वहां किसानों को फसलों पर MSP से कम से कम 1000 रुपये कम मिल रहे हैं।
किसी के लिए वोट नहीं मांगेंगे
एक और किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि हमारी टीमें भाजपा को हराने के लिए किसानों से अपील करेंगी। इसके लिए वे पश्चिम बंगाल और केरल सहित चुनावी राज्यों का दौरा करेंगी।
राजेवाल ने कहा कि हम किसी पार्टी के लिए वोट नहीं मांगेंगे। हम लोगों से उन उम्मीदवारों के लिए वोट देने की अपील करेंगे, जो भाजपा को हरा सकते हैं।
टिकैत बोले- अपना गेहूं लेकर दिल्ली निकलो, पार्लियामेंट से पहले किसी ने रोका तो उसे MSP पर अनाज खरीदना पड़ेगा
झुंझुनूं. कृषि कानून के विरोध में किसान नेता राकेश टिकैत ने मंगलवार को राजस्थान के झुंझुनूं में किसान महापंचायत की। टिकैट ने यहां किसानों से कहा कि राजस्थान का गेहूं सबसे पहले मार्केट में आएगा। सरकार को MSP देनी होगी। अगर आपको MSP नहीं मिले तो अपना गेहूं भरकर दिल्ली पहुंच जाओ। अगर दिल्ली में कोई आपको रोकता है तो उसे MSP पर गेहूं खरीदना पड़ेगा। क्योंकि, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि किसान देश में कहीं भी अनाज बेच सकते हैं। ऐसा थोड़ी न कहा है कि दिल्ली में नहीं बेच सकते हैं। दिल्ली की मंडी सबसे बढ़ियां है। सभी अपना अनाज भरकर दिल्ली चलो।
टिकैट के भाषण की खास बातें...
टिकैत ने कहा- दिल्ली में लड़ाई चल रही है। अब लड़ाई यहां भी शुरू करनी पड़ेगी। सीधी बात है जो तीनों कानून लेकर आए हैं। उसे रद्द कर दो। MSP पर कानून बना दो। कल आगरा में किसान गेहूं मंडी में लेकर गया। वहां व्यापारियों ने 1600 रुपए क्विंटल खरीदने की बात कही। उसने कहा- MSP का रेट 1975 रुपए है। उससे कम पर नहीं बेचूंगा। साथ ही मंडी भी नहीं चलने दूंगा। सारे अधिकारी मौके पर पहुंचे और उसका गेंहू 1975 रुपए में बिका।
झुंझुनूं तो क्रांतिकारियों का जिला है। कई शहीद हुए जिन्होंने सामंतवादी व्यवस्था के खिलाफ आंदोलन चलाया। आपको निकलना पड़ेगा। ये मोर्चे बंदी तोड़नी पड़ेगी, नहीं तो दिल्ली सरकार सुनने वाली नहीं है। अबकी बार भी मोर्चा बंदी नहीं टूटी। अबकी बार भी MSP नहीं मिली तो बच्चे हमें माफ नहीं करेंगे। अगर आंदोलन फेल हुआ तो देश का किसान फेल होगा।
ये (सरकार) कहते हैं कि छोटा किसान तो खेत में है। बड़ा किसान आंदोलन में है। अब ये लोग छोटे और बड़े किसान को बांटने में लगे हैं। हमने कहा कि MSP से छोटे किसान को सबसे ज्यादा लाभ होगा। इनके बहकावे में मत आना। ये रोज नए फॉर्मूले लेकर आ रहे हैं। ये लुटेरे हैं, इन्हें भगाना पड़ेगा।
सरकार सोच रही है कि किसान अपने खेत में काम करने जाएगा तो आंदोलन खत्म हो जाएगा। वो कह रहे हैं कि अप्रैल में आंदोलन अपने आप थम जाएगा। सरकार के साथ लड़ाई लंबी चलेगी। अपके खाने का सामान वहीं पर है। कुछ साथ लेकर आ जाना। आटे-दाल पर ही पूरा आंदोलन चल रहा है। तीनों कानूनों की वापसी के बिना किसान घर नहीं जाएगा।