काश अव्यवस्था दूर करने का कोई इंजेक्शन होता

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रायपुर. रायपुर में सोमवार को आम लोगों के कोविड वैक्सीनेशन में भारी अव्यवस्था देखने को मिली। सेंटर्स भी भीड़ और अफरा-तफरी का आलम देखकर यही लगा कि काश सरकारी सिस्टम को सुधारने की भी कोई वैक्सीन होती। रायपुर के दो सरकारी और एक प्राइवेट अस्पताल में बने कोविड वैक्सीन सेंटर की ग्राउंड रिपोर्ट में पता चला कि सभी जगह आम आदमी परेशान हो रहा था। कोविड वैक्सीन सेंटर पर ही सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती नजर आई। हर कोई अपनी बारी का इंतजार करते हुए उकता रहा था। सुबह 9 बजे से ही टीकाकरण शुरू होना था। मगर दोपहर 12 बजे तक कोई यह बता पाने की स्थिति में नहीं था कि वैक्सीनेशन कब शुरू होगा।
मेडिकल कॉलेज का हाल
कॉलेज कैंपस की बिल्डिंग में एक हॉल कोरोना वैक्सीनेशल के लिए तय किया गया है। यहां सुबह 9 बजे से लोगों का आना शुरू हो गया था। करीब 30 मिनट तक लोगों के नाम पते नोट होते रहे। जब बारी टीकाकरण की आई तो ऑनलाइन सिस्टम ठप हो गया। ड्यूटी पर तैनात स्वास्थ्यकर्मियों ने बताया कि जब तक ऑनलाइन सिस्टम मे एंट्री नहीं होगी टीका नहीं लगा सकते। इसके बाद डेढ़ घंटे तक लोग इस खामी के दूर होने का इंतजार करते रहे। रायपुर के फाफाडीह इलाके रहने वाले प्रफुल्ल टांक ने बताया कि मैं अपनी 74 साल की बूढ़ी मां को लेकर आया हूं। वो कितनी देर तक इंतजार करेंगी।
टांक ने कहा कि यहां कोई स्पष्ट जानकारी ही नहीं दी जा रही। जो लोग पहले आए हैं उन्हें कोई नंबर जारी करना चाहिए था कि नंबर आने पर वो टीका लगवा सकें तो वो भी यहां नहीं हो रहा है। गंगा यादव ने बताया कि हमारी पर्चियां इधर-उधर कर दी है, काफी देर से हम इंतजार ही कर रहे हैं। टीका लगवाने आए बुजुर्ग सुखदास पात्रे ने बताया कि रजिस्ट्रेशन को लेकर कोई कुछ नहीं बता रहा भीड़ इतनी है कि पीछे बैठकर इंतजार कर रहा हूं। करीब दो से ढाई घंटे की इसी अव्यवस्था के बाद मेडिकल कॉलेज की टीम ने लोगों नंबर जारी किए। फिर नाम पुकारकर सभी को अलग से बैठाया गया और एक-एक कर टीका लगाना शुरू किया।
मैं घर जा रहा हूं घुटनों में दर्द है कितना इंतजार करूं
जिला अस्पताल में आए 79 साल के एसएल जोशी ने कहा कि मैं सुबह 8.30 बजे से आया हूं। ढाई घंटे बीत गए मैंने कुछ नहीं खाया। यहां कमरे के अंदर इतनी भीड़ है कि खड़े रहना मुश्किल हो रहा है। अब मैं घर जा रहा हूं। सभी लोग कमरे में भीड़ लगा कर खड़े हैं। सीनियर सिटीजन के लिए टीकाकरण कर रहे हैं तो कोई प्राथमिकता तो देनी चाहिए न। मगर यहां तो हमें कोई पूछ ही नहीं रहा। सुबह जब हम यहां पर आए तो यहां अस्पताल में सभी एक दूसरे पर टालते रहे, किसी ने कह दिया यहां जाओ किसी ने कहा वहां जाओ। हम भटकते रहे। मेरे घुटनों में दर्द है। मेरी स्थिति अब ये नहीं कि तीन घंटे यहां रहूं फिर इंजेक्शन लगे तो आधे घंट दूसरे कमरे में बैठा रहूं। इसलिए मैं तंगआकर घर जा रहा हूं। मेरी आज की पर्ची अगर कल काम आए तो ठीक नहीं तो फिर आउंगा अब क्या कर सकता हूं।
प्राइवेट सेंटर में भी कहना पड़ा - कल आना
रायपुर के शंकर नगर स्थित प्राइवेट हॉस्पीटल आरोग्य में भी कोविड टीकाकरण केंद्र बनाया गया है। यहां पर 250 रुपए देकर 45 से 59 उम्र के दूसरी बीमारियों से जूझ रहे आम लोग और 60 साल के बुजुर्ग टीका लगवा सकते हैं। इस सेंटर पर भी सुबह से ही लोग आ चुके थे। करीब 3 घंटे बाद अस्पताल के मैनेजमेंट ने लोगों से कह दिया कि इस वक्त ऑनलाइन सिस्टम में दिक्कत की वजह से वो टीकाकरण नहीं कर सकते। यहां आ चुके बुजुर्गों को अस्पताल ने एक नंबर जारी किया। और कहा कि वो फोन पर सूचित करेंगे तब लोग अस्पताल आकर टीका लगवा सकते हैं। इसके बाद लोगों को यहां से भी लौटना पड़ा। हालांकि भी भीड़ कम होने और बैठने का इंतजाम होने की वजह से यहां बुजुर्गों को परेशानी कम हुई।
सभी जगह दिक्कत हुई है
राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. अमर सिंह ठाकुर ने कबूला कि हां लगभग सभी जगहों पर टीकाकरण में परेशानी आ रही है। सिस्टम ऑनलाइन होने के कारण हमें उसी प्रक्रिया को फॉलो करना है। कुछ जगहों से सर्वर के स्लो होने की जानकारी मिली है। सभी जगह जैसे-तैसे स्थिति को सुधारने पर हम काम कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में सभी जिलों में टीकाकरण किया जा रहा है। 1 मार्च से उन्होंने बताया कि इस चरण में सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों (मेडिकल कॉलेज, जिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, सिविल अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर और उप स्वास्थ्य केन्द्र) एवं पी.एम.जे.ए.वाय, सी.जी.एच.एस. इम्पैनल्ड निजी अस्पतालों में कोविड-19 से बचाव के लिए टीके लगाए जाएंगे। निजी अस्पतालों में 250 रुपए देने होंगे। सरकारी केंद्र में टीकाकरण मुफ्त में होगा।