WHO ने कहा- विश्व में 10% से कम लोगों में एंटीबॉडी डेवलप हुई अमेरिका में CDC ने भी जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन को मंजूरी दी

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वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने कहा कि दुनिया में 10% से भी कम लोगों में कोरोना के खिलाफ लड़ने के लिए एंटीबॉडी डेवलप हो पाई है। चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन ने बताया कि सिर्फ वैक्सीनेशन के जरिए ही हम ज्यादा से ज्यादा लोगों में हर्ड इम्यूनिटी डेवलप कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि मौजूदा वक्त में लगाई जा रही वैक्सीन कोरोना के सीवियर केसों पर कारगर साबित हो रही है। माइल्ड डिसीज और बिना लक्षण वाले संक्रमण के खिलाफ वैक्सीन कितनी असरदार है, इस पर स्टडी की जा रही है,वहीं अमेरिका में सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) एडवायजरी कमेटी ने जॉनसन एंड जॉनसन की कोरोना वैक्सीन 'जैनसेन' को मंजूरी दे दी है। CDC के मुताबिक, अमेरिका में जैनसन वैक्सीन 18 साल या इससे ज्यादा उम्र के लोगों को दी जा सकती है। CDC डायरेक्टर रोशेले वालेंस्की ने इसका ऐलान करते हुए बताया कि जैसे ही हमें वैक्सीन की डोज मिलनी शुरू हो जाएगी, हम इससे वैक्सीनेशन शुरू कर देंगे। वैक्सीनेशन प्रैक्टिस पर बनाई गई एडवाइजरी कमेटी ने इस वैक्सीन के समर्थन में 12-0 से वोट किया। वालेंस्की ने इसे महामारी के खात्मे के लिए एक और माइलस्टोन बताया।
नेपाल के आर्मी चीफ ने भारत में बनी वैक्सीन का पहला डोज लिया
नेपाल के चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ पूर्ण चंद्र थापा ने सोमवार को भारत में बनी कोरोना वैक्सीन का पहला डोज लिया। पिछले महीने ही भारत की ओर से 10 लाख टीके की दूसरी खेप नेपाल भेजी गई थी।
इस वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका ने डेवलप किया है। भारत में इसे सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कोवीशील्ड के नाम से बना रहा है। वैक्सीन मैत्री पहल के तहत भारत अपने पड़ोसी देशों को टीके उपलब्ध करा रहा है।
नेपाल ने 10 लाख डोज की पहली खेप मिलने के बाद पूरे देश में हेल्थ वर्कर्स का वैक्सीनेशन शुरू कर दिया था। उसने जनवरी में कोवीशील्ड को इमरजेंसी यूज के लिए अप्रूवल दिया था। दूसरी खेप में मिली वैक्सीन 60 साल से ऊपर के लोगों को दी जाएगी। नेपाल में इनकी आबादी 8.73% है। इन्हें 7 मार्च से टीका लगाया जाएगा।
शनिवार को मिला था जैनसेन को अप्रूवल
अमेरिका ने शनिवार को जॉनसन एंड जॉनसन की कोरोना वैक्सीन 'जैनसेन' को इमरजेंसी अप्रूवल दिया था। मॉडर्ना और फाइजर के बाद देश में अप्रूवल पाने वाली यह तीसरी वैक्सीन है। CNN के मुताबिक, यह अमेरिका की पहली सिंगल डोज वैक्सीन है। व्हाइट हाउस के सीनियर ऑफिसर एंडी स्लाविट ने सोशल मीडिया पर कहा था कि तीसरी सेफ और इफेक्टिव वैक्सीन का आना बहुत अच्छी खबर है।
इस वैक्सीन का ट्रायल अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के 44 हजार से ज्यादा लोगों पर किया गया था। US फूड एंड ड्रग रेगुलेटरी एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) के मुताबिक, यह वैक्सीन कोरोना के मॉडरेट और क्रिटिकल मरीजों को दी गई। इस दौरान यह 66.1% इफेक्टिव रही।
ब्रिटेन पहुंचा ब्राजील वाला कोरोना वैरिएंट
ब्राजील में मिले कोरोना के नए स्ट्रेन के मामले अब ब्रिटेन में मिलने लगे हैं। रविवार को यहां कोरोना के इस वैरिएंट के 6 मामले सामने के आने के बार हेल्थ अथॉरिटी हरकत में आ गई है। इनमें से 3 मामले इंग्लैंड और 3 मामले स्कॉटलैंड में पाए गए हैं।
फ्रांस में भी बढ़ रहे केस
फ्रांस में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 19,952 मामले सामने आए हैं। इस दौरान 122 संक्रमितों की मौत भी हुई। फ्रांस में अब तक कुल 37 लाख 55 हजार 968 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। महामारी से अब तक कुल 86,454 लोगों की जानें भी गईं हैं। पब्लिक हेल्थ एजेंसी के मुताबिक, पिछले 7 दिनों में यहां करीब 10 हजार संक्रमितों को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। इनमें 1871 लोग वेंटिलेटर्स पर हैं।
कुल मरीज 11.46 करोड़ से ज्यादा
दुनिया में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 11.46 करोड़ से ज्यादा हो गया। 9 करोड़ 2 लाख से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। अब तक 25 लाख 42 हजार से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। ये आंकड़े www.worldometers.info/coronavirus के मुताबिक हैं।