केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू में निर्यात प्रोत्साहन केंद्र 'जम्मू हाट' का किया उद्घाटन


नई दिल्ली:केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान, एमओएस पीएमओ, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज प्रदर्शनी मैदान, जम्मू में निर्यात प्रोत्साहन केंद्र 'जम्मू हाट' का उद्घाटन किया। उद्यमियों, खरीदारों, विक्रेताओं और निर्यातकों के लिए एक मंच 'वाणिज्य सप्ताह' के अवसर पर आज 'जम्मू हाट' का उद्घाटन किया गया।

उद्घाटन के दौरान प्रर्दशनी में भाग ले रहे प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जब भारत आजादी के 75 साल 'आजादी का अमृत महोत्सव' मना रहा है, तो अगले 25 साल देश के विकास और प्रगति के लिए महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं। प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को दोहराते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि 2047 तक जब भारत अपनी स्वतंत्रता के 100 साल पर 'विश्व गुरु' के रूप में उभरेगा, यह पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण से मिलकर एक पूर्ण भारत होगा, जिसमें से जम्मू और कश्मीर भी एक हिस्सा है और इस प्रकार जम्मू के लोगों को मजबूत रहना चाहिए और उस महत्वपूर्ण ऐतिहासिक क्षण के लिए खुद को तैयार करना चाहिए।

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डॉ. जितेंद्र सिंह ने आगे कहा कि 26 मई, 2014 को प्रधान मंत्री के रूप में शपथ लेने के तुरंत बाद, प्रधान मंत्री द्वारा दिया गया एक मंत्र था "न्यूनतम सरकार-अधिकतम शासन" और यह सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि पिछली सरकारों के दौर में विकास के मामले में छूटे हुए राज्य, केंद्र शासित प्रदेश आदि का ध्यान रखा जाएगा और उन्हें देश के अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के समान बनाने के लिए हर कदम उठाया जाएगा।

मंत्री ने कहा कि इसका सबसे अच्छा उदाहरण केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया 'मिशन नॉर्थईस्ट' है, जिसका 'पूर्वोत्तर विकास मॉडल' पूरे देश में एक उदाहरण बन गया है। इस सरकार द्वारा पूर्वोत्तर को भीतरी इलाकों को अब देश के केंदीय इलाके के रूप में बदल दिया गया है।

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में चल रहे जनसंपर्क कार्यक्रम पर डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पीएम श्री नरेन्द्र मोदी के दूसरे कार्यकाल की शपथ लेने के बाद, 'मिशन जम्मू-कश्मीर' पर जोर दिया गया, जिनमें से एक महत्वपूर्ण कदम केंद्रीय मंत्रियों को जनसंपर्क कार्यक्रम में व्यापक रूप से शामिल करना था जो इन दिनों बड़े पैमाने पर उठाया गया है।