जलवायु न्याय के माध्यम से ही जलवायु परिवर्तन से लड़ा जा सकता है- उपराष्ट्रपति

रामजी पांडे

नई दिल्ली उपराष्ट्रपति, श्री एम. वेंकैया नायडु ने आज दो दिवसीय एशिया-यूरोप शिखर सम्मेलन (एएसईएम) के रिट्रीट सत्र को संबोधित किया, जो 25 नवंबर को वर्चुअल प्रारूप में शुरू हुआ, जिसका विषय "साझा विकास के लिए बहुपक्षवाद को मजबूत करना" था। उपराष्ट्रपति ने कल शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र में भी अपनी बात रखी थी।

रिट्रीट सत्र में, श्री नायडु ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने वर्तमान वैश्विक प्रणाली, विशेष रूप से स्वास्थ्य प्रणाली और आपूर्ति श्रृंखला में कई कमियों को सामने लाया है और इन अंतरालों को दूर करने के लिए एक बहुपक्षीय और सहयोगात्मक दृष्टिकोण का आह्वान किया है। कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में भारत के योगदान के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया की आबादी के छठे हिस्से में संक्रमण के फैलाव को नियंत्रित करके, भारत ने दुनिया को सुरक्षित बनाने में योगदान दिया है। एक अरब से अधिक टीकाकरण के मील के पत्थर का उल्लेख करते हुए, श्री नायडु ने कहा कि भारत जरूरतमंद देशों को टीकों के वैश्विक निर्यात को फिर से शुरू करने की प्रक्रिया में है।