सितंबर, 2022 तक हर घर जल राज्य बनने की योजना बना रहा मणिपुर


मणिपुर प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व में केंद्र सरकार देश भर के ग्रामीण क्षेत्र के हर घर में नल के पानी का कनेक्‍शन देने की व्‍यवस्‍था करने को सर्वोच्‍च प्राथमिकता दे रही है, जिसके लिए अगस्‍त 2019 से राज्‍यों के साथ साझेदारी में जल जीवन मिशन लागू किया जा रहा है। भारत सरकार ने मणिपुर में जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए राज्य को 120 करोड़ रुपये का केंद्रीय अनुदान दिया है। जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन को लेकर राज्य को 2021-22 के लिए 481 करोड़ रुपये का केंद्रीय कोष आवंटित किया गया जो 2020-21 के दौरान दिए गए फंड का लगभग चार गुना ज्यादा है।

मणिपुर की योजना है कि सितंबर 2022 तक राज्य के हर ग्रामीण घर में नल के पानी की आपूर्ति का प्रावधान किया जाए। अब तक राज्य के 4.51 लाख ग्रामीण परिवारों में से 2.67 लाख (59.2%) घरों में नल के पानी का कनेक्शन है। 2019 में जल जीवन मिशन की घोषणा के बाद से अब तक लगभग 2.41 लाख घरों को नल का पानी उपलब्ध कराया जा चुका है। 2021-22 में 2.26 लाख ग्रामीण परिवारों को नल के पानी का कनेक्शन देने की योजना पर मणिपुर काम कर रहा है।

इसके अलावा 2021-22 में 15वें वित्त आयोग के अनुदान के रूप में मणिपुर को ग्रामीण स्थानीय निकायों पीआरआई को पानी और स्वच्छता के लिए 78 करोड़ रुपये आवंटित किए गए और ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए अगले पांच वर्षों यानी 2025-26 तक 414 करोड़ रुपये का फंड सुनिश्चित किया गया है। केंद्र सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि ग्रामीण घरों में पानी की आपूर्ति में धन की कमी न हो। इस विशाल निवेश से मणिपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। इससे गांवों में आय सृजन के अवसर पैदा होंगे।

जल जीवन मिशन को "नीचे से ऊपर" दृष्टिकोण के बाद साथ स्थानीय प्रबंधन के हिसाब से कार्यान्वित किया जाता है, जिसमें योजना से लेकर कार्यान्वयन और प्रबंधन के संचालन और रखरखाव में स्थानीय ग्राम समुदाय महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।इसके लिए राज्य ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति वीडब्ल्यूएससी/पानी समिति को मजबूत करने और 5 वर्षीय ग्राम कार्य योजना विकसित करने जैसी गतिविधियों का संचालन करता है। साथ ही ग्राम कार्य योजना को विकसित करने के साथ-साथ ग्राम सभा में इसे मंजूरी देने जैसी कई गतिविधियां चलाता है। जिसमें समुदाय उनके लिए लागू की जाने वाली जलापूर्ति योजनाओं पर विचार-विमर्श करता है। यह कार्यक्रम महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करता है, क्योंकि वे ही किसी भी घर में पानी लाने की प्राथमिक रूप से जल का प्रबंधन करती हैं।

मिशन के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने और उन्हें सुरक्षित पानी के महत्व के बारे में संवेदनशील बनाने, समुदाय के साथ जुड़ने और समर्थन देने के साथ ही वीडब्ल्यूएससी या पानी समितियों को सहायता देने के लिए राज्य द्वारा स्वयंसेवी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, स्थानीय गैर सरकारी संगठनों आदि को कार्यान्वयन सहायता एजेंसियों (आईएसए) के रूप में लगाया गया है।

सार्वजनिक स्वास्थ्य पर जोर देते हुए देश में 2000 से अधिक जल गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाएं आम लोगों के लिए खोली गई हैं, ताकि वे जब चाहें नाममात्र की कीमत पर अपने पानी के नमूनों की जांच करवा सकें। मणिपुर में 13 जल परीक्षण प्रयोगशालाएं हैं।

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