असम के दरांग जिले में जल जीवन मिशन (जेजेएम) निर्णय लेने में महिलाओं की भागीदारी को सक्षम बना रहा है


 असम:अक्सर यह कहा जाता है कि देश का विकास उसकी अर्थव्यवस्था पर निर्भर करता है। लेकिन किसी भी देश की सफलता को मापने का असली पैमाना यह है कि उस देश की महिलाएं राष्ट्र-निर्माण में किस प्रकार भागीदारी कर रही हैं, जैसा कि कहावत है,'एक महिला को सशक्त बनाएं और आप एक राष्ट्र का निर्माण करें।'

        इस मामले के अध्ययन से यह पता चलता है कि असम के दरांग जिले की महिलाएं जल जीवन मिशन (जेजेएम) के कार्यान्वयन में अपनी सक्रिय भागीदारी द्वारा किस प्रकार एक उदाहरण स्थापित कर रही हैं।

        असम में दरांग जिला अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और अपनी स्थिति के कारण असम के सामाजिक-आर्थिक परिवेश में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह जिला रणनीतिक रूप से पूर्वोत्तर गुवाहाटी के प्रवेश द्वार के आस-पास स्थित है। हालांकि यह जिला अपने लोगों की कल्पना के अनुसार विकसित नहीं हो सका है। इस जिले में धीमी विकास गति ने कई मोर्चों पर इसकी प्रगति को प्रभावित किया है। अन्य जिलों की तरह इसके विकास को गति प्रदान करने के लिए दरांग जिले को नीति आयोग के आकांक्षी जिला कार्यक्रम में शामिल किया गया था।

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        दरांग जिले में अनेक समस्याएं हैं जिनमें से एक ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल की कमी है। दरांग में पीने के पानी की गुणवत्ता आर्सेनिक अपमिश्रण के कारण प्रभावित है। इससे यह पानी सीधे ही पीने के लिए अनुपयुक्त हो जाता है। इसके अलावा बारहमासी बाढ़ इस समस्या को और बढ़ा देती है।

        जल जीवन मिशन के शुभांरभ से असम ने ‘घरे-घरे बिसुध पानी’ (हर घर में साफ नल का पानी) के आदर्श वाक्य के साथ इस कार्यक्रम को जोर-शोर से लागू करने की शुरुआत की है। इस मिशन के ढांचे के एक हिस्से के रूप में कार्यान्वयन सहायता एजेंसियों (आईएसए) को जमीनी स्तर पर इस कार्यक्रम के निष्पादन में सहायता प्रदान करने के लिए लगाया गया है। धूलिकोना फाउंडेशन असम में काम कर रही ऐसी ही एक आईएसए है।

        धूलिकोना फाउंडेशन मुख्य रूप से दरांग जिले में इस मिशन को सुचारू और सहज रूप से कार्यान्वित करने में योगदान देता है। यह नौ ग्राम पंचायतों (जीपी) में फैले 60 गांवों में कार्यरत है। यह ध्यान देने योग्य है कि इन नौ ग्राम पंचायतों में से सात का नेतृत्व महिला अध्यक्षों द्वारा किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के एक हिस्से के रूप में धूलिकोना फाउंडेशन प्रत्येक ग्राम पंचायत कार्यालयों में पीआरआई सदस्यों, गांव बुरहास, पीएचईडी प्रतिनिधियों और अन्य समुदाय के सदस्यों के साथ परिचयात्मक बैठकें भी आयोजित करता है। ग्राम पंचायत अध्यक्षों, मुख्य रूप में महिला जीपी अध्यक्षों का नेतृत्व करना और अपनी-अपनी ग्राम पंचायतों में इस मिशन को लागू करने में उनका उत्साह प्रदर्शित करना बहुत अच्छा लगता है।