1971 में भारतीयों ने बांग्लादेशियों के लिए अपनी सीमाएं और अपने मन के द्वार खोल दिए: डॉ महमूद


नई दिल्ली केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अनुराग ठाकुर तथा बांग्लादेश के सूचना और प्रसारण मंत्री डॉ. हसन महमूद ने आज संयुक्त रूप से भारत-बांग्लादेश सह-निर्माण में बनी व श्री श्याम बेनेगल द्वारा निर्देशित फीचर फिल्म 'बंगबंधु', मुजीब- द मेकिंग ऑफ ए नेशन’ पर 90-सेकंड का एक आकर्षक ट्रेलर जारी किया।

इस अवसर पर दर्शकों को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारत और बांग्लादेश के सह-निर्माण की फिल्म होने के साथ ही यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की एक पहल भी है। मंत्री श्री ठाकुर ने कहा, "फिल्म बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान जी की जन्मशती पर एक उपहार के समान है।“ फिल्म-निर्माण से जुड़ी कठिनाइयों के बारे में श्री ठाकुर ने कहा कि जब दुनिया कोविड महामारी के दौरान चुनौतीपूर्ण समय का मुकाबला कर रही थी, तब फिल्म पर काम चल रहा था। श्री ठाकुर ने फिल्म को अच्छे पड़ोसी संबंधों का एक उदाहरण बताया, विशेषकर ऐसे समय में जब दुनिया विभिन्न पड़ोसी देशों के बीच जारी संघर्ष को देख रही है। फिल्म के जरिए दोनों देश एक दूसरे के काम के सन्दर्भ में पूरक सिद्ध हुए हैं। मंत्री महोदय ने इस पहल के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को धन्यवाद दिया।

श्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि इस साल भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनायी जा रही है तथा इसके साथ ही भारत मार्चे डू फिल्म में ‘कंट्री ऑफ ऑनर’ देश भी है। ऐसे में ट्रेलर रिलीज करने तथा भारत और बांग्लादेश की दोस्ती को प्रदर्शित करने का इससे बेहतर अवसर नहीं हो सकता। उन्होंने समारोह में भाग लेने के लिए पूरे बांग्लादेश प्रतिनिधिमंडल को धन्यवाद दिया।

डॉ. हसन महमूद ने अपने संबोधन में कहा कि यह फिल्म बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान के संघर्ष, पीड़ा और राष्ट्र के निर्माण पर आधारित है। दोनों देशों के बीच के संबंधों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि दो प्रधानमंत्रियों शेख हसीना और श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बांग्लादेश व भारत के संबंधों ने नई ऊंचाइयों को छुआ है। डॉ. महमूद ने कहा, "यह फिल्म दोनों देशों के बीच संबंधों की मजबूती और गहराई को दर्शाती है।" मंत्री महोदय ने 1971 में बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम का समर्थन करने के लिए भारत के लोगों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के लोग हमेशा भारतीय सैनिकों के बलिदान को याद रखेंगे।

फिल्म के बारे में अपनी राय रखते हुए, डॉ. महमूद ने कहा कि यह फिल्म एक राष्ट्र को आजाद कराने में शेख मुजीब के संघर्ष, दर्द और पीड़ा पर आधारित है। उन्होंने कहा “दुनिया के लोग जानेंगे कि कैसे फांसी के फंदे के सामने होने पर भी वे अटूट बने रहे और उन्होंने कैसे एक निहत्थे राष्ट्र को एक सशस्त्र राष्ट्र में परिवर्तित किया एवं मुक्ति संग्राम का नेतृत्व किया। ऐसे महान लोगों के पूरे जीवन को 3 घंटे में कैप्चर करना आसान नहीं है, लेकिन फिल्म का निर्माण करने वाली टीम ने बहुत अच्छा काम किया है।"

एक रिकॉर्डेड संदेश में अपना संदेश देते हुए, श्री श्याम बेनेगल ने कहा कि, "ट्रेलर जारी किया जा चुका है और मुझे उम्मीद है कि दर्शक इसे पसंद करेंगे। इस फिल्म के लिए काम करना एक अद्भुत यात्रा थी क्योंकि मुझे दोनों देशों के कलाकारों और तकनीशियनों के साथ काम करने का अवसर मिला और भारत व बांग्लादेश के मंत्रालयों को भी पूरी तरह से समर्थन देने के लिए धन्यवाद।”

इस अवसर पर, भारत के सूचना और प्रसारण सचिव श्री अपूर्व चंद्र,  फ्रांस में भारत के राजदूत श्री जावेद अशरफ, फ्रांस में बांग्लादेश के राजदूत श्री खोंडकर मोहम्मद तलहा और इस फिल्म के कलाकार भी उपस्थित थे।

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