22 मई को लखनऊ और 23 मई को दिल्ली में होगा रोजगार संसद का आयोजन

नई दिल्ली :आज के दौर में देश बेरोजगारी के भयानक दौर से गुजर रहा है बड़ी-बड़ी डिग्रियां लेकर भी युवा नौकरी के लिए दर-दर ठोकरें खाने को मजबूर है सरकारी नौकरी की बात तो छोड़िए प्राइवेट सेक्टर में भी मिनिमम वेज इतना कम है कि दिन भर मेहनत करने के बावजूद भी लोगों को सम्मान पूर्वक जीवन जीना दुश्वार  होता जा रहा है ।लेकिन इन सबके बावजूद भी सरकार मूकदर्शक बनकर तमाशा देख रही हैं ।और अब तक बेरोजगारी के समाधान के लिए कोई ठोस कदम नही उठाया है। बताते चलें वैसे तो पिछले कई वर्षों से देशभर के अलग-अलग राज्यों में छात्र, युवा, मजदूर, किसान , व महिलाएं सहित देश भर के तमाम  संगठन अलग-अलग तरीके से सरकार तक अपनी बातें पहुंचाने का काम कर रहे है और लगातार केंद्र सरकार को जगा रहे है लेकिन इन सब के बावजूद भी  सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है ।इसी को  लेकर सरकार से नाराज देशभर के तमाम संगठनों ने संगठित होकर संयुक्त रूप से इस लड़ाई को आगे बढ़ाने का बीड़ा उठाया है। और रोजगार संसद के माध्यम से देश भर के युवाओं को जगाकर आंदोलन को तेज करने का निर्णय लिया है ।
बताते चलें कि पिछले दिनों 23 ,24 मार्च को दिल्ली के सिविल लाइन स्थिति शाह स्टेडियम में देश की बात फाउंडेशन द्वारा दो दिवसीय रोजगार संसद का आयोजन किया गया था । जिसमे दिल्ली के कैबिनेट मंत्री गोपाल  राय समेत देश भर के 200 संगठनों के 700 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था इसमें संयुक्त रूप से सभी संगठनों ने मिलकर संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति बनाई  थी तथा आगामी 16 अगस्त से दिल्ली में बेरोजगारी के  खिलाफ रोजगार नीति को लागू करवाने के लिए आंदोलन शुरू करने का निर्णय लिया गया था इसके बाद से संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति (SRAS) लगातार देश के अलग अलग राज्यों में रोज़गार संसद आयोजित कर लोगों से रोजगार नीति पर चर्चा कर रही है। इसी कड़ी में
 संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति SRAS देश के अलग अलग राज्यों में लगातार रोजगार संसद का आयोजन कर लोगों को जगाने का काम कर रही है जिसके चलते  देश की बात फाउंडेशन 22 मई को लखनऊ और 23 मई को दिल्ली कि करोल बाग लोकसभा  के पटेल नगर स्थित लाल मंदिर में रोजगार संसद का आयोजन करेगी जिसमें SRAS से जुड़े सभी संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।